केंद्रीय बजट निकला ऊंची दुकान फीका पकवान: कैप्टन

punjabkesari.in Friday, Jul 05, 2019 - 09:51 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज पेश केंद्रीय बजट को ऊंची दूकान फीकी पकवान करार देते हुए कहा कि इसमें समाज के किसी हिस्से को देने के लिए कुछ नहीं है और न सिर्फ रक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की अनदेखी की गई है बल्कि श्री गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के लिए भी कोई राशि आबंटन नहीं किया गया। यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में अतीत की उपलबधियां गिनाईं और भविष्य के लिए वायदे किए लेकिन यह नहीं बताया कि सरकार आज लोगों के लिए क्या कर रही है। कैप्टन अमरिंदर ने दावा किया कि गिनाई गईं पिछली उपलब्धियां कांग्रेस सरकारों के कार्य का प्रमाण हैं जिन्हें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार नकारती आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में देश के विकास का कोई रोडमैप नहीं है।

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उन्होंने आश्चर्य जताया कि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद के एजेंडा का शोर मचाने वाली सरकार ने रक्षा बजट में 6़5 फीसदी की मामूली वृद्धि की है जो बढ़ती लागत से निबटने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में वित्तीय घाटे और रक्षा जैसे क्षेत्रों का जिक्र तक नहीं किया। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में केंद्र सरकार के किसी प्रभावी हस्तक्षेप के अभाव का भी आरोप लगाया और कहा कि कृषि क्षेत्र बर्बाद हो रहा है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार ने किसानों की पीड़ा की पूरी तरह अनदेखी की है। उन्होंने यह भी कहा कि शून्य बजट कृषि छलावा है और किसानों की समस्याओं का ठोस हल नहीं है। उन्होंने किसान कर्ज माफी योजना न लाने तथा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अमल को लेकर कोई प्रतिबद्धता न जताने पर भी अफसोस जताया। 

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कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि राज्यों को पेट्रोल पर वैट कम करने को कहने वाली केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर अधिभार लगाया है वह भी अमेरिका-ईरान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच जब पेट्रोल को लेकर वैश्विक संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कर लगाने के बजाय अधिभार और शुल्क लगाने के सरकार के फैसले को मुख्यमंत्री ने देश के संघीय ढांचे पर हमला करार दिया और कहा कि यह केंद्र-राज्यों के रिश्तों को बिगाड़ने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि ऐसा कर केंद्र ने राज्यों को राजस्व में उनके 42 फीसदी हिस्से से वंचित करने की कोशिश की है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि बजट में इसका भी जिक्र नहीं है कि सरकार रोजगार कैसे पैदा करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सकल घरेलु उतपाद आंकड़ों से छेड़छाड़ की गई है ताकि विकास को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा सके। उन्होंने कहा कि बजट दर्शाता है कि भारतीय अर्थ व्यवस्था किस कदर दबाव में है और चेतावनी भी कि यदि केंद्र ने ठोस उपाय नहीं किए तो और स्थिति और बिगड़ेगी ही।
 


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