चंडीगढ़ में सूखे पेड़ बने लोगों की जान के लिए खतरा, हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है मामला

punjabkesari.in Saturday, Jul 09, 2022 - 12:41 PM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र शर्मा): शहर में जिस तरह से सूखे पेड़ों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे पेड़ों का अस्तित्व तो खतरे में है ही। साथ ही ये पेड़ लोगों की जान के लिए भी खतरा है। इनके गिरने  से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। प्रशासन और निगम दोनों ही इन पेड़ों के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिसके चलते आगे भी इस तरह के हादसों को न्यौता  दिया जा रहा है। 

बता दें कि प्रशासन व निगम की तरफ से विशेष अभियान चलाकर ऐसे पेड़ों को काटने की प्रक्रिया तो शुरू की गई थी, लेकिन अभी फिलहाल उस पर काम स्लो हो गया है। कुछ साल पहले यू.टी. प्रशासन और नगर निगम दोनों ने ही अपने-अपने एरिया के पेड़ों का सर्वे करवाया था, जिसमें चौकाने वाले आंकड़े सामने आए थे। निगम के सर्वे में 1037 सूखे और 258 खतरनाक पेड़ सामने आए थे। वहीं प्रशासन के सर्वे में 615 सूखे पेड़ सामने आए थे। इसके बाद ही इन पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरु की गई थी।इस संबंध में निगम के हॉर्टिकल्चर के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के.पी. सिंह ने बताया कि जहां कहीं भी खतरनाक व सूखे पेड़ों की शिकायत मिलती है, वह तुरंत उस पेड़ को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करते हैं। इसके अलावा खुद भी उनकी टीम ऐसे पेड़ों को लेकर चैकिंग करती रहती है।

हाईकोर्ट में भी गया था हैरिटेज पेड़ों का मामला 
चंडीगढ़ में हैरिटेज पेड़ों को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल हुई थी। याचिका में कहा गया था कि चंडीगढ़ में हैरिटेज पेड़ों की हालत खस्ता हो चुकी है, जिन्हे हैरिटेज होने के चलते काटा नहीं जा रहा, जोकि किसी भी समय गिरकर हादसों का कारन बन सकते हैं। याचिका में कहा गया था कि हैरिटेज पेड़ों की पहचान कर असुरक्षित पेड़ों को काट दिया जाए। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वन विभाग और प्रशासन को चंडीगढ़ में स्थित हैरिटेज पेड़ों की सूची बनाकर देने को कहा था। कोरोना काल के चलते मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अब पुन: कोर्ट खुल जाने के बाद लंबित मामलो की सुनवाई होनी है।


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Vatika

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