चेन्नई से कश्मीर जा रहे बच्चे कफ्र्यू में पठानकोट फंसे, 2 दिन रहे भूखे

punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2020 - 08:16 AM (IST)

पठानकोट(शारदा): कोरोना वायरस ने किस प्रकार से सारे भारतवर्ष में अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर दी है और लोगों को किस प्रकार से मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, उसका एक उदहरण पठानकोट में उस समय देखने को मिला जब प्रतिदिन बदलते घटनाक्रम के चलते चेन्नई से चले 11 कश्मीरी युवक जो पठानकेाट में लागू कर्फ्यू के कारण जैसे-तैसे पठानकोट पहुंचने में सफल रहे, लेकिन गत रात्रि से पठानकोट के चक्की पुल पर भूखे-प्यासे खड़े इन बच्चों पर आज थाना डिवीजन नं.-2 के एस.एच.ओ. दविन्द्र प्रकाश की नजर पड़ी तो उन्होंने सारी स्थिति को समझा।

उसके बाद सभी बच्चे पुलिस के साथ प्रस्थान कर रहे थे, कि अनहद रसोई की टीम जगह-जगह पर प्रशासन द्वारा लगाई गई ड्यूटी का पालन कर रही थी, कि तभी उन्होंने बच्चों से पूछा कि वे खाना-खाना चाहते हैं तो उन्होंने बताया कि वे 2 दिन से भूखे हैं, क्योंकि सभी ढाबे एवं दुकानें बंद हैं।आप कल्पना कर सकते हैं कि 2 दिन से भूखे बच्चे जिन्होंने सिर्फ पानी ही पिया है, पर क्या गुजर रही होगी। कोरोना वायरस का यह दुष्प्रभाव ऐसे हजारों लोगों पर पड़ रहा है।

ऐसे में अचानक अनहद रसोई उनके लिए वरदान बनकर आई और उन्होंने पेटभर खाना खाया, जहां रसोई बांटने वालों के लिए बड़े संतोष का विषय था, वहीं थाना प्रभारी डिवीजन नं.-2 दविन्द्र प्रकाश ओर उनकी टीम भी प्रशंसा की पात्र हैं, जिन्होंने अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों को सही सलामत जम्मू-कश्मीर बार्ड तक पहुंचाने में अपनी जिम्मेदारी निभाई।जिला प्रशासन और पुलिस का काम कितना सख्त है, इसकी कल्पना की जा सकती है। अनहद रसोई की टीम में समाज सेवी सतीश महिन्द्रु, विजन इंडिया मिशन-21 के प्रधान राज कुमार काका, चेयरमैन समीर शारदा, लायन सी.एस. लायलपुरी, दीप मेहरा आदि शामिल थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News