तस्वीरेः कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे लगती हैं बच्चों की कक्षाएं

punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2019 - 10:25 AM (IST)

शेरपुर(सिंगला): पंजाब के शिक्षा विभाग की तरफ से आए दिन अपनी सोशल साइट पर सुंदर स्कूल और स्मार्ट स्कूल बनाने की रंग-बिरंगी फोटो डाली जा रही हैं, परंतु हकीकत में आज भी पंजाब में ऐसे स्कूल हैं जिनके पास कक्षाएं लगाने के लिए क्लास रूम तक का प्रबंध नहीं है। सरकारी स्कूल ईश्वर सहारे चल रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला है ब्लाक शेरपुर के अधीन पड़ते सरकारी प्राइमरी स्कूल शेरपुर-2 का। जहां पढ़ रहे बच्चों के बैठने के लिए एक भी कमरा नहीं है बल्कि स्कूल की कक्षाएं खुले आसमान के नीचे लगती हैं या फिर असुरक्षित इमारत के नीचे अध्यापक कक्षाएं लगाने के लिए मजबूर हैं। अति खस्ताहाल यह इमारत किसी समय भी कोई बड़े हादसे का कारण बन सकती है क्योंकि इस इमारत की छतों से पलस्तर गिरता है और दीवारों में दरारें आई हुई हैं। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समय रहते इसकी तरफ ध्यान देने की जरूरत है। यहां यह बात भी जिक्र योग्य है कि यह स्कूल पिछले काफी समय से खस्ताहाल इमारत को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है और कई बार इसकी इमारत को लेकर मीडिया की तरफ से खबरें प्रकाशित की जा चुकी हैं परंतु किसी ने भी आज तक इस अति गंभीर मामले की तरफ ध्यान नहीं दिया, शायद शिक्षा विभाग किसी बड़े हादसे के बाद ही कुंभकर्णी नींद से उठेगा।

क्या कहते हैं सैंटर इंचार्ज
इस संबंधी स्कूल के मुख्य अध्यापक और सैंटर इंचार्ज संतोष रानी के साथ बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस स्कूल की इमारत में पेश आ रही समस्या बारे अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि स्कूल में केवल 3 कमरे और उनके आगे बरामदा है। उन्होंने बताया कि स्कूल को यहां से बदलने के लिए भी यत्न किए जा रहे हैं जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
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असुरक्षित ऐलान की गई इमारत
कार्यकारी इंजीनियर निर्माण मंडल, लोक निर्माण विभाग मालेरकोटला की तरफ से ज्ञापन नंबर 583 तारीख 29-4-2019 को एक पत्र जारी करके ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अधिकारी शेरपुर को सरकारी प्राथमिक स्कूल शेरपुर-2 के खस्ताहाल कमरों को गिराने और इसकी इमारत को असुरक्षित घोषित करने संबंधी लिखा गया है। लोक निर्माण विभाग की तरफ से यह भी हिदायत जारी की गई है कि इस इमारत के कमरों को प्रयोग में न लाया जाए और इस इमारत के बाहर असुरक्षित इमारत का सूचना बोर्ड भी लगाया जाए।

बच्चों, अध्यापकों और मुलाजिमों की जिंदगी खतरे में
सरकारी प्राइमरी स्कूल शेरपुर-2 में मौजूदा समय में प्री-नर्सरी से लेकर 5वीं कक्षा तक 100 के करीब बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कूल में 3 रैगुलर अध्यापक, 2 शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापक, 1 ई.जी.एस. वालंटियर पढ़ाते हैं जबकि एक विशेष जरूरतों वाले बच्चों का ब्लाक स्तरीय सैंटर भी इसी असुरक्षित इमारत में चलता है। इस सैंटर में 7 बच्चे पढ़ते हैं और 2 अध्यापक इन बच्चों को पढ़ाते हैं। इसके अलावा एक आंगनबाड़ी सैंटर भी इस असुरक्षित इमारत के प्रांगण में ही चलता है। इस सैंटर में 2 आंगनबाड़ी वर्करों और 2 हैल्परों के अलावा आंगनबाड़ी सैंटर के बच्चे बैठते हैं। कुल मिलाकर 100 के करीब बच्चों समेत 12 अध्यापक और मुलाजिम असुरक्षित इमारत में मौत के साए तले अपना वक्त काट रहे हैं। परंतु शिक्षा विभाग और सरकार का इसकी ओर कोई ध्यान नहीं जा रहा।
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स्कूल की सुध लेने की मांग
संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रियल चैंबर ब्लाक शेरपुर के प्रधान सुनील गोयल सेल्ही, विशेष गोयल बिशु सैक्रेटरी, सिख बुद्धिजीवी मंच पंजाब के प्रधान मा. हरबंस सिंह शेरपुर, सरपंच रणजीत सिंह धालीवाल, समाजसेवी राकेश कुमार भोला बी.के.ओ., कुलवंत सिंह टिब्बा इंचार्ज बहुजन समाज पार्टी हलका महल कलां, डा. नरेश ऋषि भगवानपुरा, ठेकेदार संजय सिंगला जिला चेयरमैन एंटी नार्कोटिक्स सैल संगरूर और पी.आर.ओ. अग्रवाल सभा पंजाब, एडवोकेट हरप्रीत सिंह खीपल, मा. हरनेक सिंह शेरपुर पूर्व समिति मैंबर ने पंजाब सरकार और शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिंगला और लोकसभा हलका संगरूर से सांसद भगवंत मान से मांग की है कि सरकारी प्राथमिक स्कूल शेरपुर-2 की नई इमारत बनाने के लिए राशि जारी की जाए। उक्त नेताओं ने डिप्टी कमिश्नर संगरूर से भी मांग की है कि इस स्कूल की कक्षाओं को और किसी सुरक्षित जगह लगाने के लिए प्रबंध किया जाए, जिससे किसी असुखद घटना से बचा जा सके।

ऐलान के बाद भी नहीं आया कोई पैसा
सरकारी प्राइमरी स्कूल शेरपुर-2 की खस्ताहाल इमारत का मामला पहले भी पंजाब केसरी की तरफ से पूरे जोर-शोर के साथ उठाया गया था। इस मामले पर विधानसभा हलका महल कलां से विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी की तरफ से विधानसभा के सत्र में शिक्षा मंत्री के समक्ष यह मामला रखा गया था। दिसम्बर 2018 में 4 लाख 50 हजार की राशि सरकार की तरफ से शेरपुर स्कूल को जारी करने संबंधी जानकारी भी दी गई और कहा कि मार्च 2019 में यह पैसे मिल जाएंगे। परंतु आज तक कोई पैसा स्कूल को नहीं मिला। लोकसभा हलका संगरूर से सांसद भगवंत मान ने अक्तूबर 2018 में इस स्कूल का दौरा किया और दो नए कमरों के लिए 5 लाख की राशि जल्द देने का ऐलान भी किया परंतु कुछ समय बाद चुनाव आचार संहिता लगने से राशि भी स्कूल तक नहीं पहुंच सकी।
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वहीं अब भगवंत मान दोबारा चुनाव जीत चुके हैं। अब छोटे बच्चों को आशा है कि शायद मान उनके स्कूल की दयनीय हालत को ठीक करने के लिए जल्दी फंड मुहैया करवाएंगे। इससे पहले शेरपुर के कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री विजयइंद्र सिंगला के ध्यान में यह मामला भी लाया गया था तो उन्होंने अपने विभाग द्वारा स्कूल की मेजर रिपेयर करवाने के लिए 13 लाख के करीब राशि का एस्टीमेट बनवाकर शिक्षा विभाग को भेजे जाने की जानकारी दी थी परंतु आज तक यह पैसा स्कूल के खातों में नहीं आया बल्कि लोक निर्माण विभाग की तरफ से स्कूल की इमारत को असुरक्षित घोषित करके इसको गिराने की हिदायत जारी कर दी गई है। जबकि अब शिक्षा विभाग भी कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला के पास है। बच्चों के मां-बाप ने शिक्षा मंत्री से भी तुरंत अनुदान जारी करने की मांग की है।

क्या कहते हैं डी.ई.ओ. प्राइमरी
जब जिला शिक्षा अधिकारी संगरूर प्राइमरी परमजीत कौर सिद्धू के साथ स्कूल की असुरक्षित इमारत संबंधी बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इस स्कूल की इमारत उनके ध्यान में नहीं है, परंतु वह जल्द ही इस स्कूल का दौरा करेंगी। उन्होंने बताया कि वह अभी छुट्टी पर हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल को किसी और जगह तबदील करने संबंधी भी इमारत देखी जाएगी जिससे सर्दियों के मद्देनजर बच्चों की कक्षाएं कमरों में लगाई जा सकें। 
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शिक्षा सचिव ने दी है कमरों में कक्षाएं लगाने की हिदायतें
कृष्ण कुमार ने शिक्षा विभाग का डी.जी.एस.ई. होते हुए स्कूल प्रशासन को सख्त हिदायत दी थी कि बच्चों की पढ़ाई के मद्देनजर कक्षाएं कमरों अंदर ही लगाई जाएं। परंतु शेरपुर के प्राथमिक स्कूल-2 में तो कोई कमरा सुरक्षित न होने के कारण अध्यापकों को मजबूरीवश ठंड होने के बावजूद खुले आसमान के नीचे कक्षाएं लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।


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Edited By

Sunita sarangal

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