लैब टेक्नीशियन को बर्खास्त के फैसले खिलाफ सिविल अस्पताल के कर्मचारियों ने की हड़ताल

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2020 - 12:20 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत शर्मा):  सेहत सचिव द्वारा जिला स्तरीय सिविल अस्पताल अमृतसर में तैनात 23 लैब टेक्नीशियन को डिस्मिस करने का मामला पंजाब सरकार के गले की फांस बन गया है। विभाग के फैसले के खिलाफ सिविल अस्पताल के सभी कर्मचारियों ने आज से अनिश्चित समय की हड़ताल कर दी है। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जहां सेहत सेवाओं का जनाजा निकल गया है वही कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है जब तक विभाग अपना फैसला वापस नहीं लेता हड़ताल जारी रहेगी। 

जानकारी अनुसार कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आज जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में दूरदराज से आए लोगों को सेहत सेवाओं लेने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। डॉक्टर तथा कर्मचारी अपनी सीटों पर नहीं बैठे हैं जिस कारण लोगों को भारी दिक्कत आ रही है। कहीं गर्भवती महिलाएं तो इलाज के लिए इधर-उधर भटकती भी दिखाई दी उधर दूसरी ओर कोरोना के टेस्ट करने वाले सेंटर में भी आज किसी कर्मचारी ने नहीं किए खबर लिखे जाने तक हड़ताल जारी थी। सेहत विभाग के चेयरमैन पंडित राकेश शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा कर्मचारियों के साथ का किया जा रहा है यदि किसी कर्मचारी को डिस्मिस करना होता है तो नियमानुसार उसे पहले नोटिस दिया जाता है। परंतु इतनी मामूली सी बात को लेकर सेवाएं समाप्त करना अकलमंद ही नहीं है पहले ही कोरोना के कारण कर्मचारी 24 घंटे अपनी बिटिया दे रहे हैं। ऊपर से विभाग को उनके कार्यों की सराहना करने की वजह उन्हें दंड दिया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय सिविल अस्पताल जिले का सबसे बड़ा साल है। विभाग में तानाशाही फरमान जारी करते हुए उनसे अन्याय किया है बताने योग्य है कि सचिव बीते कल पत्र जारी करके सैंक्शन पोस्टों के इलावा डेपुटेशन पर लगे लैब तकनीशियन को डिस्मिस करने का पत्र जारी किया था। सचिव का तर्क था कि यह टेक्नीशियन राजनीतिक पहुंच का सहारा लेकर डेपुटेशन पर लगे हुए हैं। परंतु सचिव के इस पत्र पर सवाल खड़ा होता है कि आखिरकार राजनीतिक दखलंदाजी के कारण डेपुटेशन लगाए ही क्यों गए हैं परंतु अब नतीजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।


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Edited By

Tania pathak

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