पंजाब में गेहूं खरीद पर संकट के बादल कायम, आढ़ती हुए दोफाड़

punjabkesari.in Sunday, Apr 11, 2021 - 11:02 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब में गेहूं खरीद पर संकट के बादल छंट नहीं पाए हैं। बेशक मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने अनाज खरीद प्रक्रिया में आढ़तियों की भूमिका कायम रखने का ऐलान किया है लेकिन यह भरोसा पंजाब के सभी आढ़तियों को रास नहीं आया। आढ़तियों के एक पक्ष ने जहां मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया है तो दूसरे पक्ष ने मुख्यमंत्री के भरोसे को सिरे से खारिज कर दिया है। अलबत्ता, आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष रविंद्र सिंह चीमा ने दो टूक शब्दों में कहा कि उनकी हड़ताल जारी है और जारी रहेगी। सोमवार को पंजाब के तमाम मंडी प्रधान बैठक करेंगे, जिसमें अगली रणनीति तय की जाएगी। इस दौरान गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी।

उधर, कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आढ़तियों को भरोसा देते हुए कहा है कि आढ़तियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से बाहर रखने संबंधी केंद्र सरकार के निर्देशों के बावजूद आढ़ती खरीद प्रक्रिया के साथ हमेशा जुड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री के आदेशों पर राज्य के खाद्य एवं सिविल आपूर्ति विभाग ने खरीद संबंधी सॉफ्टवेयर में संशोधन कर दिया है। इससे किसानों को फसल की अदायगी जारी करने की प्रक्रिया में आढ़तियों की भूमिका सुधारे गए रूप में ही सही, बनी जरूर रहेगी। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय के अनुसार किसानों को 48 घंटों में उनके बैंक खातों में अदायगी मिल जाएगी। 
सरकार की इस पहल के बाद आढ़तियों ने अपनी प्रस्तावित हड़ताल को खत्म कर दिया है, जिसके साथ ही पंजाब में शनिवार को गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जब तक वह यहां हैं, आढ़ती खरीद व्यवस्था का हिस्सा बने रहेंगे और आढ़तियों की भूमिका हमेशा कायम रहेगी। उन्होंने कहा कि वह यकीन दिलाते हैं कि ए.पी.एम.सी. एक्ट के अंतर्गत आढ़तिया कमीशन और अन्य लागतें जारी रहेंगी।

131 करोड़ की राशि तुरंत जारी करने के आदेश
मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को 131 करोड़ रुपए की बकाया राशि भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) का इंतजार किए बिना तुरंत जारी करने के हुक्म दिए, क्योंकि कुछ आढ़तियों द्वारा विवरण अपलोड न करने के कारण एफ.सी.आई. ने यह राशि रोकी थी। उन्होंने कहा कि इन आढ़तियों को उस समय पर शायद ऐसे लोगों ने रोक दिया हो, जो राजनीति खेलना चाहते हों। उन्होंने कहा कि चाहे कि एफ.सी.आई. से यह राशि अभी आनी है परंतु उनकी सरकार इसका इंतजार किए बिना तुरंत जारी करेगी। मुख्यमंत्री ने आढ़तियों को भरोसा दिया कि उनकी सरकार एफ.सी.आई. द्वारा लेबर की अदायगी में 30 प्रतिशत की कटौती का मुद्दा केंद्र सरकार के पास उठाएगी।

आढ़ती एसोसिएशन का धन्यवाद
कै. अमरेंद्र सिंह ने फैडरेशन ऑफ आढ़तिया एसोसिएशन ऑफ पंजाब के प्रधान विजय कालड़ा का उनकी सरकार द्वारा संभावित हड़ताल वापस लेने संबंधी की गई अपील को मानने और अनाज की लिङ्क्षफ्टग करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने आढ़तियों से अपील करते हुए तुरंत ही खरीद शुरू करने और कोविड संबंधी नियमों का पालन करने के लिए कहा। मौजूदा वर्ष कोविड-19 के दूसरे दौर के कारण सरकार को पहले निर्धारित 1 अप्रैल की जगह पर खरीद प्रक्रिया 10 अप्रैल तक मुलतवी करनी पड़ी थी।

मुख्यमंत्री का भरोसा महज लॉलीपॉप : आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब
फसल खरीद की रकम अदायगी पर मुख्यमंत्री के भरोसे को आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब ने लॉलीपॉप करार दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह चीमा ने कहा कि सरकार ने अपने करीबी आढ़तियों के समूह पर दबाव बनाकर या जोड़-तोड़ कर केवल भ्रम पैदा करने की कोशिश की है। आज केवल 6 मंडियों में दिखावे की खरीद प्रक्रिया चालू करवाई गई है। फैडरेशन ऑफ आढ़तिया एसोसिएशन ने शनिवार को लुधियाना में जो पंजाब के करीब 152 मंडी प्रधानों की बैठक बुलाई थी, उसमें महज 17 मंडी प्रधान ही शामिल हुए, जिसमें 3 ने विरोध भी दर्ज करवाया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आढ़ती अपने स्टैंड पर कायम हैं। पंजाब सरकार ने महज अंग्रेजों वाला फार्मूला बांटो और राज करो का इस्तेमाल किया है। सरकार ने आढ़तियों के हितों की परवाह नहीं की है। मुख्यमंत्री ने पिछले 2 सप्ताह में तीन बार बयान दिया है कि फसल अदायगी आढ़ती के जरिए होगी लेकिन अपनी बात से मुकरने में उन्होंने एक मिनट का समय भी नहीं लगाया। उन्होंने केंद्र सरकार के साथ मिलकर आढ़तियों के साथ वायदाखिलाफी की है। 

आढ़तियों ने पहले ही मुख्यमंत्री से कहा था कि लिमिट जारी हो चुकी है और राज्य सरकार का ए.पी.एम.सी. एक्ट के तहत प्रावधान करना चाहिए कि जो किसान आढ़ती के जरिए अदायगी मांगता है, उसे उसी फार्मूले के तहत अदायगी हो। केंद्र सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह कोई दिशा-निर्देश जारी करे। बावजूद इसके पंजाब सरकार ने गैर-कानूनी तरीके से अदायगी तय कर दी है। यह आढ़तियों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। जहां तक सरकार सॉफ्टवेयर में सुधार की बात करती है तो यह केवल दिखावा है। बहकाने की कोशिश है। आढ़ती अनपढ़ नहीं हैं, उन्हें सबकुछ पता है। 

पिछले साल 3100 मीट्रिक टन के मुकाबले पहले दिन 2642 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद
आढ़तियों के साथ तनातनी के बीच आज पंजाब में पहले दिन गेहूं की खरीद हुई। 2020 में जहां पहले दिन 3100 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था, वहीं शनिवार को सरकारी एजैंसियों द्वारा 2642 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। पंजाब के मंत्री भारत भूषण आशु ने बताया कि राज्य में स्थित खरीद केंद्रों में 2642 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद सरकारी एजैंसियों द्वारा की गई है। 

पनग्रेन द्वारा 652 मीट्रिक टन, मार्कफैड द्वारा 442 टन और पनसप द्वारा 818 टन गेहूं खरीदी गई है, जबकि पंजाब स्टेट वेयर हाऊसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा 180 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई है। केंद्र सरकार की एजैंसी एफ.सी.आई. द्वारा 10 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई है। इसके अलावा पनग्रेन द्वारा पंजाब में सार्वजनिक वितरण के लिए 540 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी गई है।


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Content Writer

Tania pathak

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