CM मान साहब जी सुनो गुहार, सरकारी आदेशों का नहीं हो रहा पालन

punjabkesari.in Monday, Apr 18, 2022 - 11:08 AM (IST)

अमृतसर (दलजीत): पंजाब सरकार मां-बाप का शोषण करने वाले ज्यादातर गैर-सरकारी स्कूलों की हिफाजत कर रही है। जिले ज्यादातर स्कूलों की तरफ से मां-बाप का शोषण करते हुए अपने चहेते दुकानों से किताबें, स्टेशनरी और वर्दियां दिलाईं गई हैं जबकि अब सरकार की तरफ से सख्ती का बहाना रचते हुए झूठी प्रशंसा बटोरी जा रही है। सरकार की तरफ से पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के स्कूलों पर तो सख्ती करने की बात की जा रही है परन्तु अफसोस की बात है कि जिले के ज्यादातर बड़े सी.बी.एस.ई. और आई.सी.आई. स्कूलों पर आदेशों की पालना करवाने के लिए कोई खास दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया।

जानकारी अनुसार पिछले कई गैर-सरकारी स्कूलों में संचालकों की तरफ से अपने स्कूल कॉम्पलेक्स में मां-बाप पर वर्दियां, स्टेशनरी और किताबें खरीदने का दबाव डाला जा रहा था। स्कूल कॉम्प्लेक्स में बेची जा रही किताबें और अन्य सामान महंगा होने के कारण मां-बाप ने रोष प्रदर्शन कर रहे हैं और समय-समय की सरकारों को कोसते दिखाई दिए हैं। सरकार की तरफ से स्कूलों पर सख्ती करने का फैसला उस समय लिया गया है जब जिले के ज्यादातर स्कूलों की तरफ से अपनी मनमर्जी करते हुए मां-बाप को वर्दियां, स्टेशनरियां और किताबें जबरदस्ती दे दीं हैं। समय-समय की सरकारों की तरफ से पंजाब बोर्ड से सम्बन्धित स्कूलों पर सख्ती दिखाई जाती रही है परन्तु जिले के बड़े ज्यादातर सी.बी.एस.ई. के साथ सम्बन्धित स्कूलों की मनमर्जियों खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

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जिले में सी.बी.एस.ई. से सम्बन्धित कई स्कूल ऐसे हैं जो बेहद शरीफ होने का बहाना रच रहे हैं। यह स्कूल वाले मां-बाप को जबरदस्ती उनकी मनपसंद की दुकानों से किताबें, स्टेशनरी और वर्दियां लेने के लिए दबाव डालते हैं, यह स्कूली लोग इतने चुस्त-दरुसत हैं कि इनकी तरफ से विद्यार्थियों को जो प्रकाशन दिया जाता है, वह अपनी मनचाही दुकान से प्राप्त होता है। स्कूलों की बोली बोलने वाले यह दुकानदार मां-बाप से बिना एक पैसा घटाए मनचाहे रेट वसूल रहे हैं।

पहले शिक्षा विभाग की तरफ से इन स्कूलों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और अब सरकार ने सख्ती का ढोंग रचा है। बहुत से मां-बाप ने स्कूलों के कहने पर किताबें, वर्दियां और स्टेशनरी भी अपनी पसंद की दुकानों से खरीद ली है। इन मनमानियों वाले स्कूलों के दबदबे वाले अंदाज को देखते मां-बाप की तरफ से कई बार विभाग के आधिकारियों के पास शिकायतें दर्ज करवाई जा चुकीं हैं परन्तु अधिकारी मामूली कार्यवाही करकेर अपनी कुर्सी बचा रहे हैं। यह स्कूल वह हैं जिनका अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के साथ काफी सम्बन्ध हैं और यह उन संबंधों का सहारा लेकर मां-बाप का खून चूस रहे हैं।

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आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली की तर्ज पर पंजाब की शिक्षा प्रणाली को बेहतर करने का दावा किया जा रहा है और मां-बाप का शोषण करने वाले प्राईवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने की बात कही जा रही है। अफसोस की बात है कि सरकार की तरफ से मां-बाप का शोषण होने के बाद यह फैसला लिया गया है। इस फैसले को देखते हुए लगता है कि सरकार प्राईवेट स्कूलों को बचा रही है। समय रहते यह फैसला नहीं लिया गया, जो बेहद जरूरी था। जिलो में सी.बी.एस.ई., आई.सी.एस.ई. और पी.एस.बी.बी. के स्कूलों की संख्या 720 है। इन सभी स्कूलों में शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी जुगराज सिंह रंधावा के नेतृत्व में जांच टीमें काम करेंगी।

जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी जुगराज सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग का पत्र उनको मिल गया है। जिलों में कुल 720 स्कूल हैं। उनकी निगरानी का काम चार टीमों को सौंपा गया है। हर एक टीम में 4 मैंबर होंगे। उनके समेत चार टीमें स्कूलों में चैकिंग अभियान जारी करेगी जिससे कोई स्कूल प्रबंधक अपने स्कूल कॉम्प्लेक्स में किताबें और वर्दी नहीं बेच सकेंगे। पंजाब सरकार की हिदायतें का पालना को यकीनी बनाया जाएगा। एक हफ्ते तक जांच पूरी कर ली जाएगी।

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शिक्षा विभाग का दावा एक सप्ताह में जांच की जाएगी मुकम्मल
डी.ई.ओ. सेकेंडरी जुगराज सिंह रंधावा ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर 720 स्कूलों की जांच का काम पूरा कर लिया जाएगा। हर दिन की प्रगति रिपोर्ट वह खुद देखेंगे, के साथ ही पंजाब सरकार की हिदायतों बारे सम्बन्धित स्कूल प्रबंधकों को अवगत करवाया जाएगा। सभी स्कूल प्रबंधक अपने स्कूल का फीस का ढांचा नोटिस बोर्ड पर लगाएं।

सरकार को सहयोग देंगे परन्तु जांच टीमें परेशान न करें
मानता प्राप्त एफीलिएटिड स्कूल एसोसिएशन पंजाब के प्रधान जगतपाल महाजन और पंजाब के जनरल सचिव सुजीत शर्मा के नेतृत्व में रासा आधिकारियों ने सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र के बाद मीटिंग की। आधिकारियों ने कहा कि वह सरकार के हर आदेश का सम्मान करते हैं परन्तु जांच टीमें उनको परेशान न करें। टीम स्कूल में पहुंच कर दहशत न पैदा करे। सबसे पहले प्रिंसिपल दफ्तर में आएं। उसके बाद अपनी चैकिंग करें। यदि स्कूलों को अनावश्यक परेशान किया तो वह धरना करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब बोर्ड के साथ सम्बन्धित स्कूल पहले बेहद कम फीस लेकर बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। बैठक में रासा के उच्च अधिकारी सुशील अग्रवाल, गौरव अरोड़ा, हर्षदीप सिंह रंधावा भी उपस्थित थे। 

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News Editor

Urmila

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