रक्षाबंधन के अवसर पर पंजाब वासियों को CM मान का तोहफा, पढ़ें खबर

punjabkesari.in Monday, Aug 19, 2024 - 05:49 PM (IST)

बाबा बकाला साहिब : पंजाब समर्थक होने का दावा करने वाले शिरोमणि अकाली दल पर तीखा हमला बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि धर्म के नाम पर वोट मांगने वाली इस पार्टी ने संसद में कभी भी पंजाब के बारे में बात नहीं की। रक्षाबंधन के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि पंथ के नाम पर वोट लेकर सत्ता का आनंद लेने वाली पार्टी के नेता मूक दर्शक बने हुए हैं। भगवंत सिंह ने कहा कि 26 दिसंबर 2018 को लोकसभा सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से गुरु गोबिंद सिंह जी के शहीदी दिवस पर उनके साहिबजादों को श्रद्धांजलि देने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी अपील पर सहमति जताते हुए संसद के इतिहास में पहली बार जुल्म और अन्याय के सामने नहीं झुकने वाले साहिबजादों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे आश्चर्य है कि अकाली दल ने कभी भी संसद में साहिबजादों को सम्मान देने के लिए आवेदन तक नहीं दिया, पंजाब के मुद्दों पर उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है।”

पंजाब को कानून-व्यवस्था का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को किसी पर उंगली उठाने से पहले अपनी ही गिरेबां में झांक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों को राम नवमी जैसे त्यौहारों के दौरान कर्फ्यू लगाना पड़ता है, जो वहां की सबसे खराब कानून व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने बीजेपी को हरियाणा के नूह इलाके में लगे कर्फ्यू की भी याद दिलाई। मुख्यमंत्री ने कहा, ''भाजपा के लोग मुझे शांति और कानून की नसीहत देते हैं, मैं गर्व से कह सकता हूं कि पंजाब में सभी धार्मिक त्योहार मिलजुल कर मनाये जाते हैं। मेरे कार्यकाल के दौरान यहां एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा क्योंकि हमारी भूमि गुरुओं और शहीदों की भूमि है जिसके कारण पंजाबी अपने आपसी प्रेम और भाईचारे के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।''

 

मुख्यमंत्री ने जालंधर पश्चिम उपचुनाव में बुरी तरह हारने के बाद राजनीतिक गुमनामी में चले गए विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस चुनाव के बाद विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को इतना बड़ा झटका लगा है कि वे राजनीतिक क्षेत्र से 'गायब' हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता ने इन नेताओं को साफ बता दिया है कि अब राजनीति में परिवारवाद के लिए कोई जगह नहीं है बल्कि आम लोगों की आवाज उठाने वाले राजनेता ही सत्ता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं को राखी के पावन पर्व की बधाई देते हुए कहा कि सरकार महिलाओं के अधिकारों के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समानता के सिद्धांत को लागू करने का प्रयास किया है और वर्तमान में राज्य के छह जिलों में वरिष्ठ पुलिस कप्तान और आठ जिलों में महिला उपायुक्त के रूप में महिला अधिकारी तैनात हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार लड़कियों को फायर फाइटर के तौर पर भर्ती किया जाएगा और पंजाब ऐसा कदम उठाने वाला पहला राज्य होगा। मुख्यमंत्री ने केंद्र द्वारा रोके गए फंड पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि पंजाब केंद्र से भीख नहीं बल्कि अपना हक मांगता है।   


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Content Editor

Subhash Kapoor

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