पंजाब में टोल प्लाजा चलाने के लिए कंपनियों ने लिखा सरकार को पत्र, की ये मांग

punjabkesari.in Thursday, Apr 08, 2021 - 10:53 AM (IST)

जालंधर(एन.मोहन): करीब 6 माह से बंद पड़े पंजाब के टोल प्लाजा चलाने के लिए कंपनियों ने किसानों को हटाने हेतु पंजाब सरकार से पुलिस सुरक्षा मांगी है। कंपनियों ने 6 माह तक बंद रहे टोल प्लाजों को भी पंजाब के क्षेत्राधिकार का मुद्दा बताते हुए राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है। 

उन्होंने पंजाब सरकार के साथ बैठक करने के बाद पत्र लिख कर टोल प्लाजा के आर्थिक नुकसान की सूची पंजाब सरकार को भेजी है और इस पर शीघ्र कार्रवाई के लिए कहा है। कंपनियों ने साफ कहा है कि अगर स्थिति ऐसी ही रही तो वे पंजाब में चलने वाली नई परियोजनाओं पर काम नहीं कर सकेंगे।

पंजाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन 25 टोल प्लाजा हैं। इनमें से कुछ टोल प्लाजा बी.ओ.टी. के भी हैं, जो निजी कंपनियों द्वारा संचालित हैं। ताजा मामले में रोहन राजदीप टोलवे लिमिटेड ने और एटलांटा रोपड़ टोलवे प्राइवेट लिमिटेड ने पंजाब सरकार को पत्र लिखे हैं। रोहन राजदीप टोलवे लिमिटेड के 6 टोल प्लाजा हैं जिनमें बलाचौर-होशियारपुर-दसूहा रोड, पटियाला-समाना-पातड़ां रोड, कीरतपुर साहिब-आनंदपुर साहिब-ऊना रोड, दाखा-बरनाला-रायकोट रोड, मोरिंडा-कुराली-सिसवां रोड और जगराओं-नकोदर रोड है, जबकि एटलांटा रोपड़ टोलवे प्राइवेट लिमिटेड की पंजाब की परियोजना में रोपड़-चमकौर साहिब-नीलों दोराहा शामिल हैं। 

तीन केंद्रीय कृषि अधिनियमों के विरोध में अक्तूबर, 2020 को किसानों में पंजाब के सभी टोल प्लाजा बंद करवा दिए थे और तभी से तमाम टोल प्लाजों पर किसानों का कब्जा है और सभी वाहन बिना किसी टोल प्लाजा फीस के चल रहे हैं। पंजाब सरकार के पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री और अधिकारियों की एक बैठक भी इसी वर्ष 4 मार्च को हुई थी। इस बैठक में कंपनियों ने अपनी बात रखी थी कि टोल प्लाजा बंद होने से उन्हें प्रतिदिन भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। वे बैंकों से इन मार्गों के निर्माण हेतु लिए गए ऋण की राशि भी नहीं अदा कर पा रहे। बैठक में ये बात कही गई थी कि पंजाब में किसानों का टोल प्लाजा बंद करवाना सीधे तौर पर राज्य के क्षेत्राधिकार का मामला है। इसलिए सरकार उन्हें मुआवजा दे। 

पंजाब सरकार ने कंपनियों की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था। एक माह निकल जाने के बाद फिर से कंपनियों ने कहा है कि वे अपने टोल प्लाजा चलाने के इरादे में हैं, इसलिए सरकार उन्हें पुलिस सुरक्षा दे। कंपनियों ने अब साफ कहा है कि टोल प्लाजा से शुल्क वसूली न होने से दाखा-रायकोट-बरनाला और मोरिंडा-कुराली-सिसवां सड़क परियोजना का रख-रखाव भी प्रभावित हुआ है और ये कार्य शुरू भी नहीं हो सका।

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Content Writer

Sunita sarangal

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