केंद्रीय गृह मंत्रालय गैंगस्टरों व राजनीतिज्ञों के आपसी संबंध को लेकर चिंतित

punjabkesari.in Wednesday, Dec 15, 2021 - 05:59 PM (IST)

नाभा (जैन): पंजाब विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जिस कारण गैंगस्टरों और राजनीतिज्ञों के आपसी संबंधों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय चिंतित है। साल 2017 विधानसभा मतदान से कुछ समय पहले 27 नवंबर 2016 को नाभा जेल ब्रेक फिल्मी स्टाइल में हुई थी। उस समय कैप्टन अमरिन्दर सिंह और कांग्रेसी नेताओं ने सुखबीर सिंह बादल पर आरोप लगाया था कि विधानसभा मतदान कारण सरकार ने गैंगस्टर जेल में से भगाए हैं। पिछले 4-5 वर्षों से मोदी-शाह जोड़ी कोशिश करती रही कि आतंकवादियों और गैंगस्टरों को पनाह देने वाले राजनीतिज्ञों को सलाखें पीछे भेजा जाए परन्तु केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर सकी।

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पंजाब में से गई जांच-पड़ताल दौरान यह सामने आ गया था कि विदेशों में बैठे खतरनाक गैंगस्टरों के द्वारा फंडिंग होती रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गंभीरता के साथ विचार करते रहे परन्तु पंजाब के किसी भी राजनीतिज्ञ खिलाफ कार्यवाही नहीं हो सकी। वर्ष 2016-17 में पंजाब में 6 हिंदु नेताओं का कत्ल हुए हैं। खन्ना के शिव सेना नेता दुर्गा गुप्ता को 23 अप्रैल 2016, जालंधर में आर.एस.एस. संघ के प्रमुख ब्रिगेडियर (सेवा-मुक्त) जगदीश गगनेजा को 6 अगस्त 2016, लुधियाना के हिंदु नेता अमित शर्मा को दुर्गा माता मन्दिर कंपलैक्स समीप 14 जनवरी 2017, गांव जगेड़ा के चर्चा घर में डेरा प्रेमी सतपाल शर्मा के सुपुत्र रमेश कुमार शर्मा को 25 फरवरी 2017, लुधियाना में मास्टर सुलतान को 16 जून 2017 और आर.एस.एस. संघ नेता रजिन्दर गोसाईं को 17 अक्तूबर 2017 को सरेआम गोलियों के साथ भूना गया। जगी जौहल (यू.के.) सहित कई गैंगस्टर गिरफ्तार किए गए। ब्रिटेन में भी जगी की गिरफ्तारी खिलाफ शोर-शराबा हुआ है।

सारे गैंगस्टर यहां जेल में लाए गए क्योंकि गैंगस्टर और आतंकवादी हमेशा ही नाभा जेल को सुरक्षित मानते रहे हैं। कुछ समय बाद खतरनाक गैंगस्टर यहां से नई दिल्ली शिफ्ट किए गए थे। खतरनाक गैंगस्टरों सुक्खा काहलवां, हरजिन्दर सिंह उर्फ बिकी गौंडर, प्रेमा लाहौरिया, जसविन्दर सिंह उर्फ रोकी का नाम पंजाब के राजनीतिज्ञों के साथ जुड़ता रहा है। बिकी ने 21 फरवरी 2015 को सुक्खा का कत्ल किया था, जब सुक्खा को पुलिस हिरासत में नाभा जेल से ले जाया गया था। एक पूर्व मंत्री खिलाफ फाजिल्का से चयन लड़ने वाले गैंगस्टर जसविन्दर रोकी का पहली मई 2016 को हिमाचल प्रदेश के परवानू में कत्ल हुआ है।

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पंजाब के डिप्टी सी.एम. और गृह मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा आजकल विरोधियों के निशाने पर हैं। जेल विभाग भी रंधावा के पास ही है। मतदान नजदीक होने के कारण लोगों में डर है कि गैंगस्टरों के द्वारा माहौल खराब न हो। हमेशा राजनीतिज्ञों ने ही गैंगस्टर पैदा किए, जिस का खामियाजा पंजाब की अमन-पसंद जनता भुगत रही है परन्तु एन.आई.ए. अभी तक पंजाब में गैंगस्टरों और राजनीतिज्ञों का कमर नहीं तोड़ सकी। मोदी सरकार राजनीतिक रोटियां सेकती रही है परन्तु पंजाब के गैंगस्टरें को खत्म करने के लिए कभी भी गंभीर नहीं रही, जो चिंताजनक है।

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News Editor

Urmila

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