फूलका बोले-कांग्रेस सरकार जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट लागू करवाने में नाकाम

punjabkesari.in Saturday, Aug 17, 2019 - 01:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान व मौजूदा राज्यसभा सदस्य प्रताप बाजवा द्वारा हरविंद्र सिंह फूलका के विधायक पद से इस्तीफा देने को उचित कदम बताने पर फूलका ने उनका धन्यवाद व्यक्त किया है। फूलका ने कहा कि उन्हें इस बात से खुशी मिली है कि बाजवा ने उनके विधायक पद से इस्तीफा देने के कदम को उचित ठहराया है। फूलका ने कहा कि इससे पंजाब की कैप्टन सरकार के बेअदबी मामलों में नाकाम रहने के मेरे दावे को मजबूती भी मिली है। 
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फूलका ने कहा कि हाल ही में प्रताप बाजवा ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि पंजाब सरकार बेअदबी मामले में अपना वायदा पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बेअदबी मामलों में जिन कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा में बहुत बड़े-बड़े दावे किए थे, उन्हें भी फूलका की तरह कदम उठाते हुए अपनी विधायकी से इस्तीफा देना चाहिए। यहां जारी एक बयान में फूलका ने कहा कि पंजाब सरकार की बादलों से मिलीभगत के चलते बेदअबी केसों से संबंधित बादलों और पूर्व डी.जी.पी. सैनी की तरफ से लोगों का ध्यान हटाया जा रहा है। यह सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है और जस्टिस रणजीत सिंह की रिपोर्ट में किए गए खुलासों का अब कहीं भी जिक्र नहीं किया जा रहा है। सरकार इस रिपोर्ट पर एक्शन लेने में पूरी तरह नाकाम है, जो भी विधायक तब विधानसभा में इस मामले पर बादलों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे, उन्हें अब विधानसभा में बैठने का नैतिक अधिकार नहीं है। 

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फूलका ने कहा कि अब कई तरफ से यह आवाज उठाई जा रही है कि इन मामलों की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी सिटिंग जज की निगरानी में करवाई जाए, जबकि मेरे हिसाब से यह इसलिए किया जा रहा है ताकि बेअदबी मामलों में आई जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट में हुए खुलासों को दबाया जा सके। फूलका ने कहा कि वह लोगों को चेताना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच केे चक्कर में नहीं फंसना चाहिए, जबकि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट बिल्कुल साफ व तथ्यात्मक है और उसी को लागू कराने पर जोर दिया जाना चाहिए। फूलका ने कहा कि उन्हें इस बात से भी बड़ी हैरानी है कि जिन विधायकों को उन्होंने जमीर वाले समझते हुए इस मामले में सरकार की नाकामी का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की अपील की थी, उन विधायकों नवजोत सिंह सिद्धू, रमनजीत सिंह सिक्की, हरमिंद्र सिंह गिल व बैंस भाइयों और सुखपाल सिंह खैहरा में से किसी की अब तक कोई प्रतिक्रिया तक नहीं आई है।


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