साइट पर जाए बिना और दफ्तरों में बैठकर ही सड़कों के एस्टीमेट बनाने वाले निगम अधिकारी अब फंसेंगे
punjabkesari.in Saturday, Jun 24, 2023 - 12:20 PM (IST)

जालंधर (खुराना): आम आदमी पार्टी की सरकार ने जालंधर शहर के विकास कार्यों को तेज गति प्रदान करने के कुछ माह पहले 52 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की थी जिसके तहत जालंधर निगम ने दो चरणों में सड़कों तथा अन्य विकास कार्यों संबंधी एस्टीमेट तैयार किए थे। पहले चरण में 26 करोड़ के टैंडर लगाए गए परंतु चुनावी कोड ऑफ कंडक्ट लग जाने के कारण उसमें से कई काम रुक गए जिन्हें अब पूरा करवाया जा रहा है। इसी दौरान निगम अधिकारियों ने 28 करोड़ रुपए के और एस्टीमेट तैयार किए जिनके भी टैंडर लगाए जा चुके हैं।
‘पंजाब केसरी’ में खबर छपने के बाद हरकत में आई सरकार
‘पंजाब केसरी’ ने कुछ दिन पहले विस्तार से समाचार प्रकाशित किया था कि राज्य सरकार द्वारा दी गई ग्रांट से जालंधर निगम ने सड़क निर्माण के जो टैंडर लगाए हैं, उसमें ज्यादातर ठेकेदारों ने 40-40 प्रतिशत डिस्काऊंट ऑफर किया है। काम करते समय ठेकेदार को 25 प्रतिशत और खर्चा पड़ता है जिस कारण काम पर मात्र 35 प्रतिशत ही खर्च होने की संभावना है जिसके चलते क्वालिटी कायम नहीं रखी जा सकती। ‘पंजाब केसरी’ में 40-40 प्रतिशत डिस्काउंट वाली सड़कों बाबत छपे समाचार से पंजाब सरकार के लोकल बॉडीज विभाग के अधिकारी जागे।
लोकल बॉडीज के डायरेक्टर और पी.एम.आई.डी.सी के सी.ई.ओ. ने अब आदेश निकाल कर हर निगम के एस.ई. की ड्यूटी लगाई है कि वह दूसरे शहर में जाकर सरकार की ग्रांट तहत होने वाले विकास कार्यों से संबंधित एस्टीमेट की जांच करें कि वह उचित बने हुए हैं या नहीं और इस संबंधी रिपोर्ट 26 जून तक भेजें। ऐसे आदेश आते ही निगमों में हड़कंप सा मच गया है।
जालंधर निगम के एस्टीमेटों की जांच करेंगे रविंदर चोपड़ा
लोकल बॉडीज के डायरैक्टर द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक जालंधर नगर निगम के अधिकारियों ने 52 करोड़ के जो एस्टीमेट तैयार किए हैं, उनकी जांच फगवाड़ा नगर निगम के एस.ई रविंदर चोपड़ा करेंगे। जालंधर निगम के एस.ई. रजनीश डोगरा की ड्यूटी लगाई गई है कि वह लुधियाना नगर निगम में जाकर वहां बने एस्टीमेटों की जांच करें। इसी प्रकार पठानकोट और होशियारपुर के एस.ई सतीश सैनी अमृतसर निगम के एस्टीमेट जांचेंगे और लुधियाना निगम के एस.ई राहुल गुगनेजा फगवाड़ा जबकि प्रवीण सिंगला पटियाला निगम जाकर चैकिंग करेंगे। निगमों के कुछ एक्सियन लैवल के अधिकारियों की भी ऐसी ड्यूटी लगाई गई है।
अच्छी भली सड़कों के भी एस्टीमेट तैयार कर देते हैं जे.ई
दरअसल विकास कार्यों के एस्टीमेट तैयार करने का काम जे.ई लैवल के अधिकारियों को सौंपा जाता है परंतु ज्यादातर जे.ई. न केवल जरूरत से ज्यादा राशि के एस्टीमेट बना देते हैं बल्कि ज्यादातर एस्टीमेट ऐसे होते हैं जहां काम की कोई जरूरत ही नहीं होती या थोड़ी बहुत होती है। कई अच्छी भली सड़कों के भी एस्टीमेट तैयार कर दिए जाते हैं जिन्हें कभी कभार रोक भी लिया जाता है। ऐसे मामलों में किसी जे.ई पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई परंतु अब सरकार की जांच दौरान यदि किसी जे.ई के खिलाफ रिपोर्ट पाई गई तो उस पर कार्रवाई होने की भी संभावना है। जालंधर निगम के कई एस्टीमेट ऐसे हैं जो बहुत ज्यादा राशि के बनाए गए हैं और वहां काम की कोई जरूरत ही नहीं है।
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