पाकिस्तानी वस्तुओं के डैमरेज चार्जिज में CWC ने दी 3 दिन की अतिरिक्त छूट

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 08:43 AM (IST)

अमृतसर (नीरज): 16 फरवरी के बाद से आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर डम्प पड़े 7 करोड़ रुपए के पाकिस्तानी सीमैंट, छुआरों व अन्य वस्तुओं पर 3 दिन की डैमरेज चार्जिज में भारी छूट देने के बाद सी.डब्ल्यू.सी. ने व्यापारियों को 3 दिन की अतिरिक्त छूट दे दी है ताकि व्यापारी आई.सी.पी. पर सी.डब्ल्यू.सी. के गोदामों में डम्प सामान को उठा लें।

इससे पहले सी.डब्ल्यू.सी. ने आई.सी.पी. पर डम्प सामान पर इतना डैमरेज चार्जिज  बना दिया था कि 7 करोड़ की वस्तुओं पर 10 करोड़ का डैमरेज बन गया था लेकिन सी.डब्ल्यू.सी. ने व्यापारियों को राहत देने के लिए 3 दिनों के लिए डैमरेज चार्जिज  बिल्कुल सामान्य जैसे कर दिए। वहीं दूसरी तरफ डम्प पाकिस्तानी वस्तुओं पर कस्टम विभाग ने सौ प्रतिशत रैमजिंग की है जिसमें छुआरे की बोरियों को पलटी करवाया गया जबकि पाकिस्तानी सीमैंट की सूए व स्निफर डॉग्स की मदद से रैमजिंग की गई ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके। इससे पहले कस्टम विभाग ने सज्जीखार के 800 से ज्यादा जूट बैग्स को जब्त कर जमीन में दफन कर दिया था। विभाग को आशंका थी कि कहीं पाकिस्तानी तस्करों ने फिर से जूट बैग्स में हैरोइन की खेप न छिपाई हो। इससे पहले जूट बैग्स में छिपाई हैरोइन की एक खेप को दिल्ली पुलिस ने मुंबई व सोनीपत से जब्त किया था। इन जूट बैग्स को जब पानी में भिगोया और सुखाया जाता था तो बोरियों में छिपी हैरोइन की परत एक कैमिकल की मदद से बाहर आ जाती थी। पाकिस्तानी तस्करों ने पहली बार हैरोइन तस्करी के लिए इस तकनीक का प्रयोग किया था, जो असफल रहा है। 

फ्लैश बैक
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की तरफ से पुलवामा हमला करने के बाद भारत सरकार ने 16 फरवरी के दिन पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगा दी थी लेकिन इसका नोटीफिकेशन शाम 7.30 बजे आई.सी.पी. पर भेजा गया, लेकिन इस 16 फरवरी के पूरे दिन में पाकिस्तान से करोड़ों रुपयों के छुआरे, सीमैंट, अजवायन व अन्य वस्तुओं का आयात हो गया। कस्टम विभाग इस दिन आई वस्तुओं पर 200 प्रतिशत ड्यूटी की मांग करने लगा, जिसको व्यापारियों ने देने से इंकार कर दिया था और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस मामले में हाईकोर्ट ने भी व्यापारियों के हक में फैसला सुनाया और 200 प्रतिशत ड्यूटी की बजाय सामान्य ड्यूटी पर सामान रिलीज करने के आदेश दिए, लेकिन इस मामले में सी.डब्ल्यू.सी. विभाग रुकावट बने हुए था क्योंकि सी.डब्ल्यू.सी. के गोदामों में 7 महीने तक पाकिस्तानी वस्तुएं डम्प रहीं, जिन पर 10 करोड़ रुपए का डैमरेज बन गया। इस मामले में अब सी.डब्ल्यू.सी. ने भी अपने डैमरेज चार्जिज में भारी कटौती की जो लगभग सामान्य डैमरेज चार्जिज जितनी थी। 


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