''Golden Temple'' में नतमस्तक हुए दादूवाल, ढडरियांवाले और भाई मंड पर दिया बड़ा बयान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 25, 2020 - 02:02 PM (IST)

अमृतसर(सुमित खन्ना): हरियाणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान बनने के बाद भाई बलजीत सिंह दादूवाल पहली बार श्री दरबार साहिब नतमस्तक होने पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए भाई दादूवाल ने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा संत रणजीत सिंह ढंडरियांवाले पर सुनाए फैसले की प्रशंसा की। भाई दादूवाल ने कहा कि पंज सिंह साहिबानों की तरफ से यह फैसला बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था। 

उन्होंने कहा कि सिख संगत भी चाहती थी कि ढडरियांवाले पर कार्यवाही हो। भाई दादूवाल ने कहा कि संगत की तरफ से ढंडरियांवाले को कई बार मौका दिया गया और उन्होंने आप भी कोशिश की थी कि ढंडरियांवाले अपने विचारों को सुधार कर पंथ की सेवा और चढ़ती कला में लगे, परन्तु वह पंथ की पुरातन मर्यादा जो पिछले लंबे समय से चली आ रही थी की निंदा करने से बाज नहीं आ रहे थे, इसलिए यह फैसला बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था। 

श्री अकाल तख्त साहिब के मुतावजी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड सम्बन्धित पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जब उनके भाई मंड के साथ मतभेद हुए थे तो उन्होंने तब भी उनसे तीन सवाल पूछे थे जिनका अभी तक उनकी तरफ से उपयुक्त जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाई मंड बताए कि बरगाड़ी मोर्चे को उठाने का जल्दबाजी में फैसला क्यों किया गया? या वह बताए कि उनका सरकार के साथ क्या समझौता हुआ। दादूवाल ने बताया कि बीते दिनों भाई मंड की तरफ से श्री अकाल तख्त साहिब आने से पहले उनके साथ संपर्क किया गया था, उन्होंने तब भी भाई मंड को यह सवाल किए थे जिनके जवाब उन्होंने नहीं दिए। दादूवाल ने कहा कि जब तक भाई मंड उनके सवालों के जवाब नहीं देते तब तक वह किसी भी कार्य में उनका साथ नहीं देंगे। 


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