दलजीत आहलूवालिया और ई.ओ. जतिन्द्र सिंह के तीसरी बार निकाले अरेस्ट वारंट
punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2020 - 05:20 PM (IST)
जालंधर (चोपड़ा): जिला कंज्यूमर फोरम ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया और ई.ओ. जतिन्द्र सिंह के तीसरी बार अरैस्ट वारंट जारी किए हैं। चेयरमैन व ई.ओ. के वारंट जसप्रीत सिंह, 170 एकड़ सूर्या एन्क्लेव स्कीम के मामले से संबंधित हैं, जिसमें ट्रस्ट ने वर्ष 2004 में जसप्रीत को सूर्या एन्क्लेव में 675-ए कार्नर का प्लाट अलॉट किया था।
अलाटी ने ट्रस्ट नियमों के मुताबिक 3 वर्षों में इस प्लाट पर कंस्ट्रक्शन पूरी करनी थी। उस समय के दौरान अलाटी ने ट्रस्ट को बताया कि उनका प्लाट कार्नर वाला है जिस कारण अगर कोई रकबा अधिक बनता है तो उससे एडीशनल चाॢजज लेकर प्लाट का कब्जा दिया जाए परंतु 4 वर्षों तक ट्रस्ट में धक्के खाने के बावजूद अलाटी की कोई सुनवाई नहीं हुई।
अलाटी ने ट्रस्ट को 24 जनवरी, 2008 को पत्र लिखकर कहा कि उसे अलाट हुए प्लाट का कब्जा दिया जाए। जिस पर ट्रस्ट ने अलाटी को पहले 82,500 रुपए नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजज जमा करवाने को कहा। अलाटी ने एतराज जताया कि उसे कब्जा ही नहीं मिला तो वह प्लाट पर कंस्ट्रक्शन कैसे जमा करवा सकता था। इसके बावजूद अधिकारियों के दबाव में अलाटी ने 20 अगस्त 2009 को ट्रस्ट को नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज जमा करवा दिए।
इसी के साथ ही ट्रस्ट ने अलाटी से 350 रुपए फोटोग्राफी के भी जमा करवाए। इस सब के बावजूद ट्रस्ट ने अलाटी को प्लाट पर कब्जा नहीं दिया। ट्रस्ट ने 12 साल बाद 30 सितम्बर 2016 को अलाटी की तरफ 6 लाख रुपए नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज का बकाया निकालते हुए उसे उक्त रकम ट्रस्ट खाते में जमा करवाने का फरमान जारी करते हुए कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से एक स्कीम निकली है जिसके अंतर्गत अलाटी केवल 50 प्रतिशत जुर्माना 3 लाख रुपए जमा करवा दे तो ट्रस्ट उसे प्लाट का कब्जा दे देगा।
अलाटी ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की धोखाधड़ी के खिलाफ 10 अक्तूबर, 2018 को लीगल नोटिस भेज कर ट्रस्ट के खिलाफ केस जिला कंज्यूमर फोरम में दायर कर दिया। फोरम ने अगस्त 2018 में अलाटी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए ट्रस्ट को अलाटी द्वारा नॉन कंस्ट्रक्शन चाॢजज व फोटोग्राफी के बनते 82,850 रुपए के अलावा उस पर बनता 12 प्रतिशत ब्याज, 50,000 मुआवजा व 10 हजार कानूनी खर्च देने के आदेश जारी किए।
इसके अलावा फोरम ने ट्रस्ट को कहा कि अलाटी को उसके प्लाट का 30 दिनों में कब्जा दिया जाए। इसके बावजूद अगर ट्रस्ट कब्जा देने में देरी करता है तो उसे अलाटी को 1 लाख रुपया हरेक वर्ष का अतिरिक्त मुआवजा देना होगा।
आदेशों को पूरा न करने पर अलाटी ने फोरम में पटीशन दायर की जिस पर ट्रस्ट चेयरमैन व ई.ओ. के खिलाफ अरैस्ट वारंट जारी होने का सिलसिला शुरू हो गया। अलाटी को प्लाट का कब्जा और अब तक बनती कुल रकम 4,52,000 रुपए अदा न कर पाने पर चेयरमैन व ई.ओ. के खिलाफ पहला अरैस्ट वारंट 12 फरवरी 2020 और दूसरा वारंट 18 मार्च, 2020 को निकाला गया था परंतु इसके बावजूद ट्रस्ट अलाटी को बनती रकम व प्लाट का कब्जा देने में नाकाम साबित हुआ जिस पर फोरम ने 24 जून को चेयरमैन दलजीत आहलूवालिया और ई.ओ. जतिन्द्र सिंह के तीसरे अरैस्ट वारंट निकाले, केस की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।