फिल्में देखकर बनाई थी अरमान के Kidnapping की योजना, 36 दिनों बाद इस हाल में मिला शव

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2019 - 10:48 AM (IST)

अबोहर(भारद्वाज, स.ह.): लाइन पार क्षेत्र नई आबादी निवासी व फाइनैंसर बलजिंदर के पुत्र अरमान की 17 अक्तूबर को लापता होने की गुत्थी पुलिस ने आखिरकार 36 दिनों बाद सुलझा ली। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर आज सुबह अरमान का गला सड़ा शव स्थानीय मलोट रोड ओवरब्रिज के निकट सड़क किनारे भूमि से प्राप्त किया। पुलिस ने नर सेवा नारायण सेवा समिति के सहयोग से एस.डी.एम. पूनम सिंह, एस.पी. मनजीत सिंह तथा डी.एस.पी. राहुल भारद्वाज की मौजूदगी में गले सड़े शव को बाहर निकलवाया और अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
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शव के गला सड़ा होने के कारण उसे पोस्टमार्टम के लिए फरीदकोट भेजा गया। घटनाक्रम का खुलासा होने के बाद पुलिस उच्चाधिकारियों ने बी.डी.पी.ओ. कार्यालय में प्रैस कॉन्फ्रैंस की। इस मौके पर एस.एस.पी. भूपेन्द्र सिंह, एस.पी.डी. जसबीर सिंह, एस.पी. मंजीत सिंह, एस.पी. भूपेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी चंद्रशेखर, एंटी गुंडा स्टाफ फाजिल्का के इंचार्ज छिंदा सिंह, सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज जगदीश कुमार व अन्य पुलिस टीम मौजूद थीं।प्रैस कॉन्फ्रैंस में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 17 अक्तूबर की रात्रि दोषी सुनील कुमार अरमान को अपनी जान-पहचान का फायदा उठाते हुए उसे सीतो रोड पर एक किराए के मकान में ले गए। बाद में पकड़े जाने के डर से 19-20 अक्तूबर की रात्रि उन्होंने अरमान को गला घोंटकर मार डाला और उसके शव को मलोट रोड फ्लाईओवर के नीचे बेआबाद कॉलोनी की झाडिय़ों में दफना दिया। 3 नवम्बर को अरमान संधू के पिता बलजिंदर सिंह संधू को उसके बेटे को छोडऩे की एवज में दोषियों द्वारा मांगी गई 2 करोड़ की फिरौती संबंधी एक चिट्ठी प्राप्त हुई। इसके लिए दोषियों ने एक फेसबुक आई.डी. का इस्तेमाल किया।
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सी.आई.ए. स्टाफ फाजिल्का के इंस्पैक्टर जगदीश कुमार ने गत रात आलमगढ़ चौक के निकट उक्त सुनील कुमार व पवन कुमार को एक ऑल्टो गाड़ी से काबू किया। वहीं कार की तलाशी लेने पर उसमें से मोबाइल फोन बरामद हुआ जिसको चैक करने पर फेसबुक आई.डी. पर अरमान की फोटो, वीडियो व फिरौती मांगने के लिए की गई चैटिंग मिली। जब उन्होंने सुनील व पवन से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने पूरी घटना की जानकारी दी। अरमान का गला सड़ा शव अस्पताल में पहुंचते ही उसके माता-पिता, रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था। उनका रूदन सुनकर सबकी आंखें नम हो गईं। अरमान के परिजनों ने कहा कि इतने दिनों बाद भी उन्हें एक उम्मीद थी कि उनका अरमान उन्हें जरूर वापस मिलेगा लेकिन इस हालत में वह बरामद होगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जो लोग उनके जानकार होने का दिखावा कर रहे हैं, वहीं उनके बेटे के कातिल निकलेंगे।


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