बंदी सिंहों की रिहाई की मांग, पंथक एकता की कोशिशों को ऐसे लगा झटका

punjabkesari.in Sunday, Jun 05, 2022 - 12:53 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): एस.जी.पी.सी. या अकाली संगठनों द्वारा पंथक एकता की जो कोशिश की जा रही थी उसे संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है।

यहां बताना उचित होगा कि बंदी सिंहों की रिहाई की मांग को लेकर जो मीटिंग की गई थी उसमें अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल, सिमरनजीत मान, परमजीत सरना मुख्य रूप से शामिल हुए। लेकिन जब संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के दौरान पंथक उम्मीदवार खड़ा करने की बारी आई तो शुरूआती दौर में सहमति जताने वाले नेताओं के सुर बाद में अलग-अलग नजर आए।

इनमें से सिमरनजीत मान ने सबसे पहले खुद को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया जबकि परमजीत सरना ने सिद्धू मूसेवाला के पिता को संयुक्त उम्मीदवार बनाने की मांग का समर्थन किया। हालांकि पंथक उम्मीदवार खड़ा करने के मुद्दे पर सुखबीर बादल ने सिमरनजीत मान के घर जाकर उनके साथ मुलाकात की लेकिन बात नहीं बनी तो अगले दिन अकाली दल ने राजोआना की बहन को उम्मीदवार घोषित कर दिया। जहां तक सुखदेव सिंह ढींडसा की अगुवाई वाले एक और अकाली दल का सवाल है, उनके द्वारा पहले ही भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी गई है।

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News Editor

Kalash

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