जिले में डेंगू का कहर, डिप्टी कमिश्नर ने सेहत अधिकारियों को जारी किए निर्देश

punjabkesari.in Wednesday, Nov 09, 2022 - 03:56 PM (IST)

अमृतसर (नीरज): जिला वासियों को डेंगू के डंग से बचाने के लिए डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार बैठक कर अब तक की रिपोर्ट पर चर्चा की। डिप्टी कमिश्नर ने जोर देकर कहा कि सेहत विभाग के निर्देशानुसार जिले के लोगों को डेगू से बचाने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को ड्राई डे के रूप में मनाया जाए और डेंगू के लारवा पाए जाने वाले स्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य, नगर निगम और अन्य अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार डेंगू के मामले पहले से ज्यादा नियंत्रण में हैं जिससे साफ है कि आप ने बेहतर काम किया है।

उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में दवाई का छिड़काव पर अधिक जोर दिया जाए और एक सप्ताह के बाद छिड़काव करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूलों में छात्रों को डेंगू के लक्षणों और रोकथाम के बारे में जागरूक करने के लिए भी कहा।

बैठक को संबोधित करते हुए अमृतसर के डॉ. चरणजीत सिंह ने कहा कि जिले में अब तक डेंगू के 230 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 80 मामले बाबा बकाला साहिब सब-डिवीजन के ही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी टीमें लगातार डेंगू के लारवा की जांच कर रही हैं और उन्होंने अब तक 170 चालान जारी किए हैं। जो राज्य में सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल अमृतसर, गुरु नानक मेडिकल कॉलेज और अजनाल अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए विशेष प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं, जहां नि:शुल्क जांच की जाती है। उन्होंने जिले के निवासियों से अपील की कि बुखार होने पर सरकारी अस्पतालों में जांच कराकर इलाज कराएं।

इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मदन मोहन ने कहा कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और जो पानी सात दिनों तक खड़ा रहता है, वहां मच्छर तैयार हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि  घरों, दुकानों, दफ्तरों और अन्य जगहों पर अतिरिक्त सामान जिसमें बारिश का पानी जमा रहता है उसे साफ करते रहें।  इसके अलावा हर सप्ताह पौधे या गमलों , पानी लगाने के लिए रखी बोतलों का पानी बदलते रहें।  उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर आम मच्छर से बड़े होते हैं और इनके शरीर पर धारियां होती हैं। यह सुबह या शाम को काटता है और इसका डंक तीखा होता है। यह आमतौर पर पर्दे, फोटो फ्रेम, टेबल और कुर्सियों या अन्य ठंडी जगहों के नीचे पाया जाता है।

डेंगू के काटने के बाद के लक्षण-जिला मलेरिया अफसर डॉ. मदन ने कहा कि डेंगू का मच्छर जब काटता है तो तेज बुखार, आंखों में दर्द होता है। ऐसे में सिर्फ पैरासिटामोल दवा ही दी जा सकती है, दूसरी कोई दवा न लें। उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर के काटने के बाद अगर मरीज ज्यादा तरल पदार्थ पीता है तो कोई खतरा नहीं है।

डॉ. मदन ने अपील की कि हम सभी को अपने घरों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसे टूटे हुए बर्तन, बर्तन, कूलर, क्षतिग्रस्त टायर, गटर के ढक्कन में छोटे छेद, गमले, पक्षियों के लिए रखा पानी आदि  में  पानी खड़ा न रहने। कूलर आदि का पानी  हर 7 दिन में बदलना चाहिए। इससे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि से बचाव हो सकता है। डॉ. मदन ने कहा कि इस बार सर्दी में भी डेंगू के केस सामने आए होने के चलते अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।  इस अवसर पर डी.डी.पी.ओ. सतीश कुमार, डी.टी.ओ. राजेश कुमार, जसबीर सिंह, सहायक सिविल सर्जन डॉ. राजिंदरपाल कौर, सभी मेडिकल अफसरों के अलावा अलग-अलग विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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News Editor

Urmila

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