31 मई तक लोगों को करना होगा इंतजार, फर्द केंद्रों और तहसीलों को जारी हुए सख्त निर्देश

punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 11:22 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): पंजाब सरकार द्वारा भूमि रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अर्बन डाटा एंट्री कार्यक्रम को लेकर जालंधर जिला प्रशासन अब पूरी तरह हरकत में आ चुका है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जिले के सभी फर्द केंद्रों और तहसीलों को निर्देश दिए हैं कि 31 मई तक समूचा मैनुअल व ऑफलाइन रेवेन्यू रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्म में ऑनलाइन कर दिया जाए। इन निर्देशों के बाद विशेष रूप से जालंधर तहसील-1 और तहसील-2 में रिकॉर्ड एंट्री के काम में तेजी देखी जा रही है।

इस कवायद की सबसे खास बात यह रही कि लेबर डे जैसे सरकारी अवकाश वाले दिन भी जिला प्रशासनिक कॉम्पलैक्स स्थित फर्द केंद्रों के स्टाफ और पटवारियों ने कामकाज जारी रखा। जहां अधिकांश सरकारी कार्यालय बंद रहे, वहीं फर्द केंद्रों में स्टाफ ने रिकॉर्ड की एंट्री के लिए दिनभर डटा रहा।

यू.डी.ई. योजना : दो साल से अधर में लटका था प्रोजैक्ट

गौरतलब है कि अर्बन डाटा एंट्री कार्यक्रम की शुरूआत पंजाब सरकार ने करीब दो साल पहले की थी। इसका उद्देश्य था कि राज्य के सभी शहरों के पुराने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाए ताकि नागरिकों को उनकी जमीन संबंधी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो सके, लेकिन जालंधर में अधिकारियों व कर्मचारियों की सुस्ती के चलते यह योजना अधूरी ही रह गई। कई बार रिकॉर्ड की अनुपलब्धता, पटवारियों की कमी, और तकनीकी उपकरणों की दिक्कतों के चलते इस कार्य में अनावश्यक विलंब हुआ। पर अब जब डिप्टी कमिश्नर ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, तो सभी संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया है।

ऑनलाइन सुविधा की कमी से अब तक जनता हो रही परेशान

जालंधर के पुराने क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब तक इस बात से त्रस्त रहे हैं कि उन्हें अपनी जमीन या प्रॉपर्टी की ‘फर्द’ लेने के लिए फर्द केंद्र के चक्कर काटने पड़ते थे। आधुनिक तकनीक के युग में भी उन्हें मैनुअल फाइलों से फर्द तैयार कराई जाती रही। कई बार फाइलें गुम भी पाई गईं या उनमें त्रुटियां मिलीं, जिससे भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ गईं। हालांकि पंजाब सरकार ने पोर्टल आधारित सुविधाएं शुरू कर दी हैं, लेकिन रिकॉर्ड ऑनलाइन न होने के कारण यह सुविधा कागजों तक ही सीमित रह गई थी। विशेषकर फर्द केंद्र-1 की धीमी प्रगति ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।

लेबर डे की छुट्टी में भी कर्मचारी दिन भर काम पर रहे जुटे

1 मई को लेबर डे के मौके पर जहां प्रदेश भर में सरकारी अवकाश था, वहीं जिला प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स स्थित फर्द केंद्र जालंधर-1 और जालंधर-2 में कर्मचारियों ने कामकाज जारी रखा। स्टाफ सुबह से ही कंप्यूटरों के सामने बैठकर रिकॉर्ड की एंट्री में जुटा रहा। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि प्रशासन अब गंभीरता से इस कार्य को समयसीमा में पूरा करना चाहता है। वहीं सब रजिस्ट्रार कार्यालय की पहली मंजिल पर बने पटवारखाना और पुरानी तहसील कांप्लेक्स की पहली मिडंल पर बने पटवारियों के कमरों में संबंधित पटवारी दिन भर रेवेन्यू रिकॉर्ड को एंटर कराने को लेकर जुटे रहे।

फर्द केंद्र-1 के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी भी बहुत सारा रिकॉर्ड पेंडिंग है, लेकिन डिप्टी कमिश्नर साहब के आदेशों के बाद अब वह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हर एंट्री 31 मई से पहले पूरी हो जाए। एक बार जब यह सारा रिकॉर्ड कंप्यूटराइज हो जाएगा, तो जालंधर शहर के निवासी अपनी जमीन या संपत्ति की जानकारी घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

डिजिटल रिकॉर्ड के जनता को यह होगा लाभ

- फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम होगी
- संपत्ति के ट्रांजैक्शन पारदर्शी होंगे
- लैंड डिस्प्यूट्स की संभावना घटेगी
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तेज होगी

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Related News