बड़ा खुलासा: खराब खानपान से ही नहीं, Pollution के कारण भारत में बढ़ रही डायबिटीज़

punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 07:04 PM (IST)

पंजाब डैस्क ।अनिल पाहवा।

आपने अक्सर सुना होगा कि डायबिटीज़ मोटापे, खराब खान-पान और साफ-सफाई की कमी के कारण बढ़ रही है। लेकिन प्रतिष्ठित 'मेडिकल जर्नल द लैंसेट' की ताज़ा स्टडी के खुलासे ने रौंगटे खड़े कर दिए हैं। स्टडी में पहली बार बताया गया है कि भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण भी डायबिटीज़ का एक बड़ा और अनदेखा कारण बन चुका है।

यह अध्ययन 2010 में शुरू हुआ था, जिसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि भारत में डायबिटीज़ का प्रचलन पहले की तुलना में कहीं ज्यादा है। इतना ही नहीं, शहरों में रहने वाले लोगों में डायबिटीज़ का खतरा ग्रामीण इलाकों की तुलना में बहुत अधिक पाया गया।

प्रदूषण बढ़ा रहा शुगर लेवल, एक साल का असर बेहद खतरनाक

स्टडी में यह सामने आया कि सिर्फ एक महीने तक PM2.5 के संपर्क में रहने से भी ब्लड शुगर बढ़ जाता है और एक साल से ज्यादा समय तक प्रदूषण झेलने वालों में डायबिटीज़ का जोखिम तेजी से बढ़ जाता है। दिल्ली और चेन्नई पर किए गए शोध में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया— वार्षिक PM2.5 स्तर में हर 10μg/m3 की वृद्धि पर डायबिटीज़ का खतरा 22% बढ़ जाता है।

स्टडी के लीड इन्वेस्टिगेटर सिद्धार्थ मंडल ने एक मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीयों की बॉडी संरचना—कम BMI लेकिन फैट प्रतिशत ज्यादा—उन्हें पश्चिमी देशों की तुलना में डायबिटीज़ के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है।

चेन्नई के प्रसिद्ध डायबिटीज़ विशेषज्ञ डॉ. वी. मोहन ने इस रिसर्च को आंख खोलने वाला बताया। उन्होंने कहा कि अब तक हम मानते थे कि शहरों में रहने वाले भारतीयों में डायबिटीज़ अधिक होने की वजह खराब डाइट, मोटापा और कम सक्रिय जीवनशैली है। लेकिन अब पता चला है कि प्रदूषण भी बड़ा कारण है।

भारत में डायबिटीज़ की गंभीर तस्वीर

दिल्ली की लगभग 42.5% आबादी डायबिटीज़ से जूझ रही है (आंकड़ा अनुमानित)।

देश में 77 मिलियन वयस्क टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीज हैं।

करीब 2.5 करोड़ लोग प्रीडायबिटिक हैं, यानी जल्द ही डायबिटीज़ की चपेट में आ सकते हैं।

डायबिटीज़ के मरीजों में हाइपोथायरायड और मोटापे जैसी बीमारियाँ भी आम हैं।

हवा में फैलता ज़हर शरीर को क्या करता है?

डॉक्टरों के अनुसार, PM2.5 और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक शरीर में घुसकर खून में शामिल हो जाते हैं। इसके बाद शरीर में एक खतरनाक ‘इन्फ्लेमेटरी रिएक्शन’ शुरू होता है। PSRI अस्पताल की स्टडी के अनुसार, प्रदूषण इन चार तरीकों से डायबिटीज़ को बिगाड़ता है—

इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ाता है – खासकर टाइप-1 डायबिटीज़ मरीजों में ब्लड शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा करता है – यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।

चयापचय (मेटाबोलिज़्म) को गड़बड़ करता है – शरीर इंसुलिन का असरकारी उपयोग नहीं कर पाता।

ब्लड ग्लूकोज़ लेवल बढ़ाता है – लंबे समय में डायबिटीज़ की शुरुआत या स्थिति दोनों खराब हो जाती हैं।

लैंसेट की यह रिपोर्ट बता रही है कि भारत में डायबिटीज़ सिर्फ लाइफस्टाइल की बीमारी नहीं रह गई, बल्कि अब हवा में मौजूद Hidden poision भी इसे बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों की राय है कि यदि प्रदूषण पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया, तो आने वाली पीढ़ियों में डायबिटीज़ नई सामान्य बीमारी बन सकती है।


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Content Editor

Subhash Kapoor

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