कृषि के लिए डिजिटल एंटोमोलॉजिस्ट मशीन बनकर हुई तैयार, जानें कैसे रखेगी नजर

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2022 - 04:21 PM (IST)

रोपड़ः प्रसिद्ध आई.आई.टी. रोपड़ ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जो पेस्टिसाइड व अन्य कीटनाशक दवाइयों से खराब हो रही मिट्टी को बचाने के लिए काम करेगी। इस मशीन को डिजिटल एंटोमोलॉजिस्ट कहा जाता है। यह मशीन आई.आई.टी. रोपड़ ने स्विटजरलैंड की कंपनी सिनजेंटा ग्लोबल के साथ मिलकर बनाई है। आई.आई.टी. रोपड़ में ऐसी 5 मशीनें बन कर तैयार हो चुकी हैं जिसको 26 जून को स्विट्जरलैंड में लॉन्च किया जाएगा। इसी के साथ आई.आई.टी. रोपड़ के साथ इस परियोजना के डायरेक्टर प्रो. पी-पुष्पिंदर और डॉ. सुमन कुमार शामिल होंगे। आई.आई.टी. रोपड़ की निकट भविष्य में ऐसी 9,000 मशीनें बनाने की योजना है। मशीन की कीमत 25,000 रुपए होगी। भारत सरकार ने दिसम्बर 2002 में 25 प्रोजेक्टों पर कृषि से संबंधित अवध नाम का प्रोजेक्ट आई.आई.टी. रोपड़ को दिया था। इसके अलावा कई चीजें तैयार की गई हैं। 

परियोजना डायरेक्टर प्रो. पी-पुष्पिंदर और डॉ. सुमन कुमार ने बताया कि यह एक कम्प्यूटर जैसी मशीन होगी जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होगी। इसके साथ ही एक कैमरा, कई एंटेना, सेंसर और एक ऑक्टाडोर प्रोसेसर भी है। मशीन को खेत में लगाने से यह खेत की मूवमेंट पर नजर रखेगी और जो कीट रेंज आएगा उसकी फोटो क्लिक करेगा। यह मशीन एक सेकेंड में कई तस्वीरें ले सकती है। मशीन खुद बताएगी कि आपको पेस्टिसाइड कब डालनी है, जिससे मिट्टी के अनुकूल कीटों को अपना कम करने का मौका मिलेगा। आपको बता दें कि यह मशीन खराब हो रही मिट्टी को बचाने के लिए क्रांतिकारी काम करेगी।

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News Editor

Urmila

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