डिनर डिप्लोमैसी: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र के रात्रि भोज में कई विधायक नदारद

punjabkesari.in Tuesday, Mar 10, 2020 - 09:32 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को मुख्यमंत्री बने 3 वर्ष हो गए हैं परंतु इन वर्षों में अफसरशाही इस कदर हावी रही कि कांग्रेस विधायकों व कार्यकर्ता तो दूर, कई मामलों में मंत्रियों तक को खुलेआम अधिकारियों के हाथों रुसवाई का सामना करना पड़ा। इसको लेकर कांग्रेसी विधायकों में मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर असंतोष लगातार बढ़ता रहा है। इस कारण कै. अमरेन्द्र सिंह और पार्टी विधायकों व वरिष्ठ नेताओं के बीच पनपी दूरी लगातार बढ़ती ही जा रही है। वहीं कांग्रेस के अंदरूनी हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि जो विधायक पहले मुख्यमंत्री से मिलने को तरसते थे और कई जुगाड़ लगाते रहते थे, वही अब उनसे दूरी बना रहे हैं। जो भी हो कांग्रेस के भीतर सुलग रही विरोध की आग से पार्टी के लिए 2022 विधानसभा चुनावों में पुन: सत्ता हासिल करने की डगर दिक्कतों से भरी साबित होगी।


इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने अपने सिसवां स्थित फार्म हाऊस में विधायकों को रात्रि भोज दिया था परंतु इस भोज में आमंत्रित 80 विधायकों में से कई कांग्रेस विधायक नदारद रहे या कहें कि कुछ विधायकों ने कैप्टन के भोज में शामिल होने को लेकर अपनी रुचि नहीं दिखाई। पार्टी के सूत्रों की मानें तो रात्रि भोज में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, जेल मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा व कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के राजनीतिक सलाहकार राजा वङ्क्षडग़ भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा कैंट विधानसभा हलका से विधायक परगट सिंह जोकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र के कारण खासे चर्चा में भी रहे, उन्होंने भी रात्रि भोज से अपनी दूरी रखी।


इन राजनेताओं की अपने ही मुख्यमंत्री द्वारा दिए जा रहे रात्रि भोज की उपेक्षा करना उस कारण ज्यादा चॢचत हुआ क्योंकि रात्रि भोज से एक दिन पहले ही सुखजिन्द्र रंधावा और राजा वङ्क्षडग़ ने विधानसभा अधिवेशन में अपनी ही सरकार के खिलाफ बड़े हमले बोले थे। रंधावा ने विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल के नशों के मुद्दे पर पलटवार करते हुए यहां तक कह डाला था कि हमारी (कैप्टन अमरेन्द्र) सरकार की ढीली कार्रवाई के कारण कुछ नशा तस्कर सरेआम घूम रहे हैं। वहीं राजा वडिंग ने पंजाब में ट्रांसपोर्ट माफिया के बोल-बाला पर अपनी सरकार को घेरते हुए कहा कि 3 सालों के शासनकाल में हम ट्रांसपोर्ट पॉलिसी ही नहीं ला सके। वडिंग ने ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुल्ताना के कथन पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंजाब में तैनात आर.टी.ओ. मंत्री तक की नहीं सुनते तो समझ में नहीं आता कि आखिर इनकी बदलियां करता कौन है? वहीं कैप्टन अमरेन्द्र सरकार की विफलता को लेकर पत्र लिखने के अलावा विधानसभा अधिवेशन में भी परगट सिंह ने सरकार को उसकी कारगुजारी को लेकर एक बार फिर से आड़े हाथों लिया था।


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Suraj Thakur

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