कोरोना मरीजों के शव बदलने का मामला: प्रीतम सिंह की पहचान के लिए अस्थियों का होगा DNA

punjabkesari.in Saturday, Jul 25, 2020 - 10:38 AM (IST)

चंडीगढ़ (हांडा) : अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में कोरोना मरीजों के शव बदले जाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रीतम सिंह की मौत सुनिश्चित करने के लिए अस्थियों का डी.एन.ए. करवाने के आदेश दिए हैं। मुकेरियां निवासी प्रीतम सिंह के परिजनों का कहना है कि वह जिंदा है अगर मर चुका है तो शव कहां है। पंजाब सरकार और अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोरोना संक्रमित 2 लोगों की मौत के बाद शव बदल गए थे।
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प्रीतम सिंह बताकर मुकेरियां भेजा गया शव एक महिला का था जिसे मोर्चरी में रखवा दिया था। जबकि महिला के घर अमृतसर भेजे गए शव का परिवार ने संस्कार कर दिया था। हाईकोर्ट ने जांच के लिए आयोग के गठन से इंकार कर दिया है। सरकार मामले को लेकर मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी पारित कर चुकी है, लेकिन बढ़ते संशय के मद्देनजर सरकार चाहती थी कि जांच को हाईकोर्ट आयोग का गठन करे जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। हाईकोर्ट ने प्रीतम सिंह की पहचान सुनिश्चित करने और याचिकाकत्र्ता परिवार की संतुष्टि के लिए अस्थियों का डी.एन.ए. टैस्ट करवाने की मांग स्वीकार कर ली है।
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सरकार को 29 जुलाई तक डी.एन.ए. टैस्ट करवाकर रिपोर्ट जमा करवाने को कहा है। पंजाब सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने याचिकाकत्र्ता को बताया कि महिला के परिवार ने प्रीतम सिंह का संस्कार कर दिया है। उन्होंने पूरे संस्कारों को अपनाया है। आप अस्थियां लेना चाहते हैं तो बताएं।इस पर याची पक्ष का कहना था कि जब यह सुनिश्चित ही नहीं है कि शव प्रीतम सिंह का ही था, ऐसे में अस्थियां कैसे ले सकते हैं। सरकारी अधिवक्ता ने अस्थियों का डी.एन.ए. करवाए जाने का विकल्प दिया जिसे याची पक्ष ने स्वीकार कर लिया। अस्थियों को श्मशानघाट में सुरक्षित और कस्टडी में रखा जाएगा जिसे मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में डी.एन.ए. के लिए ले जाया जाएगा ताकि कोई अस्थियों से छेड़छाड़ न करे। डी.एन.ए. टैस्ट के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने जवाब 29 जुलाई को कोर्ट के समक्ष रखेंगे।


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