भगवान माने जाते डॉक्टरों की दरिंदगी आई सामने, बिना ईलाज किए सड़क पर फेंके मरीज

punjabkesari.in Saturday, Sep 19, 2020 - 06:02 PM (IST)

जालंधर: पंजाब में जिला प्रशासन ने ईएसआई अस्पताल से दो मरीजों को निकाल कर स्थानीय रेलवे स्टेशन के बाहर छोडऩे की कथित खबरों की जांच का आदेश दिया है। 

जिला उपायुक्त घनश्याम थोरी ने शनिवार को कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक आयुक्त को जांच का आदेश दिया गया है जो जिला उपायुक्त को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह पता चला है कि रेलवे स्टेशन के बाहर रहने वाले एक व्यक्ति को ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी हालत खराब थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी उपचार और सुविधाओं के स्तर की देख-रेख के लिए अस्पताल जाएंगे और विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपी जाएगी। थोरी ने बताया कि जिला रेड क्रॉस सोसाइटी दोनों परित्यक्त रोगियों के लिए सबसे अच्छा इलाज और आहार का खर्च वहन करेगी। इसके अलावा सचिव रेड क्रॉस सोसायटी व्यक्तिगत रूप से ईएसआई अस्पताल का दौरा करेेंगी। जिला उपायुक्त के निर्देशों के बाद सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी इंद्रदेव सिंह ने ईएसआई अस्पताल का दौरा किया और वहां भर्ती मरीज की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। 

उन्होंने कहा कि उपायुक्त घनश्याम थोरी के निर्देश पर सोसाइटी ने रोगियों को पुराने एक डायपर और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा दो जोड़े नए कपड़े प्रदान किए हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी ने प्रवासी मजदूर को इलाज खत्म होने के बाद अपने घर लौटने के लिए मदद की पेशकश की। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद मजदूर को ईएसआई अस्पताल में ले जाया गया था जहां जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ कुछ गैर सरकारी संगठन अस्पताल में भर्ती लोगों की मदद कर रहे थे। स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए थोरी ने कहा कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में कोई ढिलाई अनुचित होगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 


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Vaneet

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