कोरोना के चलते श्री हरिमंदिर साहिब में संगत की आमद रही कम
punjabkesari.in Sunday, Jun 28, 2020 - 01:45 PM (IST)
अमृतसर(अनजान): कोरोना महामारी के चलते श्री हरिमंदिर साहिब में आज कम ही संगत दर्शन के लिए पहुंची। हालांकि बीते दिनों में संगत की संख्या पहले की अपेक्षा बढ़नी शुरू हो गई थी। इस दौरान तीन पहरे की संगत और ड्यूटी सेवकों ने श्री हरिमंदिर साहिब की मर्यादा संभाली रखी। अमृत समय पर 2 बजे किवाड़ खुलने के उपरांत श्री आसा जी दी वार के कीर्तन आरंभ कर दिए गए और चार बजे फूलों से सजी सुनहरी पालकी में श्री अकाल तख्त साहिब से पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप सुशोभित करके श्री हरिमंदिर साहिब अंदर प्रकाशमान किया गया।
सारा दिन इलाही बाणी के कीर्तन का परवाह चलता रहा। शाम के समय रहरासि साहिब जी के पाठ किए गए और इसके उपरांत रागी सिंहो द्वारा आरती का उच्चारण किया गया। रात के समय श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सवारी श्री हरिमंदिर साहिब से चल कर श्री अकाल तख्त साहिब जी तक पहुंची व सुखआसण स्थान पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पवित्र स्वरूप बिराजमान कर दिया गया। संगत ने श्री अकाल तख्त साहिब सफाई की सेवा की। इसके उपरांत श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा की स्नान की सेवा, ठंडे-मीठे जल की छबील की सेवा, जोड़ा घर और लंगर हाल में सेवा की और पवित्र सरोवर में स्नान किया।
गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में हुई सरबत के भले की अरदास
कोरोना महामारी पर फतह पाने के लिए संगत द्वारा गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में सरबत के भले की अरदास की गई। सुबह से रागी सिंहों ने विनती रूपी शब्दों का गायन किया। अरदास उपरांत हुक्मनामा लिया गया और अरदासिए सिंह द्वारा पूरे विश्व की सुख शांति और चढ़ती कला के लिए अरदास की गई। संगत के साथ गुरमति विचारों की सांझ डालते ग्रंथी सिंह ने कहा कि सर्व दुखों का दारू नाम है। जब कोई दवा काम नहीं करती तो दुआ जरूर काम करती है। उन्होंने संगत को गुरु के लड़ लगकर अरदास विनती करने के लिए कहा, ताकि पूरे संसार में कोरोना रूपी महामारी से छुटकारा पाया जा सके।