बेलगाम E-Rickshaw: न रजिस्ट्रेशन, न चालकों के पास लाइसेंस, जाम का सबब भी बन रही
punjabkesari.in Tuesday, Jul 11, 2023 - 10:56 AM (IST)

लुधियाना : पर्यावरण को बचाने की दृष्टि से वैकल्पिक ईंधन के कई स्रोतों में से एक है इलेक्ट्रिक वाहन। आजकल इन ई-वाहनों की संख्या काफी बढ़ रही है और कई नामी कंपनियां भी इस दौड़ में आ चुकी हैं। इसी कड़ी में शहर में ई-रिक्शा का चलन भी काफी तेजी से हो रहा है। जहां एक ओर ये ई-रिक्शा पर्यावरण को बचाने का काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इनका आतंक भी काफी बढ़ रहा है। बेलगाम दौड़ रही ई-रिक्शा अव्यवस्था के साथ जाम की बड़ी परेशानी का कारण बन रही हैं। अपने हिसाब से रूट बनाकर दौड़ रहे ई-रिक्शा चालकों से शहर की गलियों तक में जाम को बड़ा रूप दे दिया है।
इसके अलावा बाजारों में मनमर्जी से रिक्शा रोककर खड़े होने के कारण भी अव्यवस्था सिस्टम पर हावी है। शहर में जाम की बड़े परेशानी की वजह बनी ई-रिक्शा पर आर.टी.ए. विभाग और ट्रैफिक पुलिस की लगाम भी ढीली है। इस कारण अवैध ई-रिक्शा की दौड़ बढ़ती जा रही है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगनी तो दूर की बात है, ई-रिक्शा चालक ना तो रजिस्ट्रेशन करवा रहा है और बड़ी सख्यां में चालकों के पास लाइसेंस तक नहीं है। जाहिर है कि हजारों ई-रिक्शा अवैध रूप से सड़कों पर दौड़कर जाम की परेशानी की वजह बनी हुई हैं। इन रिक्शा पर सख्ती दिखाने का जिम्मा आर.टी.ए. विभाग और ट्रैफिक पुलिस पर है, लेकिन फजीहत से बचने के लिए दोनों ही विभाग भी अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर बैकफुट पर रहती हैं।
हादसों का कारण भी बन रहे ई-रिक्शा
अधिकांश ई-रिक्शा प्रशासन के रहमोकरम पर बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। कई ऐसे ई रिक्शा चालक है, जो 18 से कम उम्र के हैं। उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। वहीं, कई जगह पर ये हादसों का कारण भी बन रहे हैं। गत दिनों चंदर नगर में ई-रिक्शा चालक ने स्कूटर सवार दो महिलाओं और बच्चे को इतनी बुरी तरह से चपेट में लिया था, तीनों बुड्ढे नाले में बाल-बाल गिरते बचे थे। इसके अलावा ई-रिक्शा की चपेट में आने से एक मौत भी हो चुकी है।
इसके बावजूद आर.टी.ए. प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो रहा है। ऐसे में यदि भविष्य में भी कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी। वहीं, स्थानीय दुकानदारों की माने तो कई बार इसकी शिकायत भी प्रशासन से की गई, लेकिन किसी ने उनकी एक भी ना सुनी। इसकी वजह से जाम की समस्या से स्थानीय लोगों के साथ ही राहगीरों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
इन कारणों की वजह से लग रहा है जाम
गलत लेन में ई-रिक्शाओं को चला कर अन्य वाहनों को न निकलने देना। ये कुछ ऐसे कारण हैं जो शहरों में जाम की बड़ी परेशानी की वजह बने हुए हैं। यदि किसी शहर में यदि एक हजार ई-रिक्शा का पंजीकरण निर्धारित किया जाता है तो आपको सड़कों पर उससे कई गुना ज्यादा तादाद में ई-रिक्शा का जाल नजर आ जाएगा। परंतु ट्रैफिक विभाग या नगर निगम के अधिकारियों को ये अवैध ई-रिक्शा नजर नहीं आएंगे। यदि कभी इन पर सख्ती की भी जाती है तो वह केवल औपचारिकता के सिवाय कुछ नहीं होती।
लुधियाना जैसे महानगर को ही लें तो यहां की किसी भी प्रमुख सड़क पर, जहां ई-रिक्शाओं को चलाए जाने की अनुमति दी गई है, आपको जाम के नजारे दिखाई देंगे। घंटाघर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के सामने हो या कोई भी प्रमुख बाजार, ई-रिक्शाओं का आतंक किसी माफिया से कम नहीं है। मुख्य मेन रोड पर प्राय: ये ई-रिक्शा वाले 2 से 3 लेन को ब्लॉक कर देते हैं और मजबूरन बसों व अन्य भारी वाहनों को भी अपनी निर्धारित लेन बदल कर सड़क के बीचों-बीच चलना पड़ता है। नतीजतन जाम की स्थिति बन जाती है।
इस जाम के चलते प्रदूषण भी बढ़ जाता है। फिर वो चाहे अन्य वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण वायु प्रदूषण हो या ध्वनि प्रदूषण, दोनों ही तकलीफ देते हैं तो जिस पर्यावरण को बचाने की मंशा से ई-रिक्शाओं का चलन शुरू हुआ था वह उद्देश्य तो पूरा होता नहीं दिखाई देता। सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए ई-रिक्शाएं व ऑटो सहायक पाए जाते हैं।
लोग बोले- चालकों की मनमानी पर प्रशासन को लगाम लगाने की जरूरत
ई-रिक्शा चालकों की मनमानी पर प्रशासन को लगाम लगाने की जरूरत है। सड़कों पर झुंड बनाकर दौड़ रही ई-रिक्शा ही जाम की बड़ी परेशानी का कारण बनती है। इन पर अंकुश लगाना जरूरी है। ई-रिक्शा चालकों पर जब तक शिकंजा नहीं कसा जाएगा, तब तक जाम की लिए यह बड़ी परेशानी बनी रहेगी। इनके मनोबल इतने बढ़ चुके हैं कि मनमर्जी से रूट बनाकर दौड़ते हैं और किराया भी मनमर्जी से वसूलने लगे हैं।
अवैध ई-रिक्शा बंद की जाएं। शहर में ई-रिक्शाओं की संख्या अधिक है। सड़कों पर वाहनों के लिए जगह कम है। ऐसे में जाम की समस्या होनी लाजमी है। अवैध ई-रिक्शाओं की संख्या पर प्रशासन को लगाम लगाने की जरूरत है। यदि वहां पर अवैध रूप से ई-रिक्शा चल रहे हैं तो इनको जब्त किया जाना चाहिए। यदि कोई भी ई-रिक्शा चालक गलत लेन में खड़ा है तो उसका चालान काटना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि पुलिस अधिकारी यातायात को नियंत्रित नहीं कर सकते। यदि किसी भी इलाके में किसी वी.आई.पी. का जाना तय होता है तो वहां पर यातायात पूरी तरह से व्यवस्थित और नियंत्रित रहता है। यह वही मार्ग होते हैं जहां सामान्य दिनों में आपको भारी जाम का सामना करना पड़ता है।
फोन उठाना जरूरी नहीं समझते एसटीसी और आर. टी. ए. सैक्रेटरी
वहीं, इस संबंध में जब एस.टी.सी. मनीष कुमार और आर. टी. ए. सैक्रेटरी पूनमप्रीत कौर से बात की गई तो उन्होंने बार बार फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं दिया।
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