मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ई.डी. ने पंजाब पुलिस के पूर्व एस.एस.पी. की सम्पत्ति की अटैच
punjabkesari.in Saturday, Apr 02, 2022 - 06:34 PM (IST)

जालंधर : मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ई.डी. ने पंजाब पुलिस के पूर्व एस.एस.पी. की 4.07 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर ली है। एजेंसी ने कहा कि ई.डी. ने पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ प्रीवेनशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (पी.एम.एल.ए.) अटैच के आदेश दिए हैं तथा उनके बैंक खाते, कृषि भूमि, आवास और वाहनों को अटैच करने का आदेश दिया है।
ई.डी. की जांच में पता चला है कि ग्रेवाल ने अपराध में कुल 4.07 करोड़ रुपए (पी.ओ.सी.) का शोधन किया था और अपने नाम पर विभिन्न चल/अचल संपत्ति का शोधन किया था जिसका इस्तेमाल परिवार के सदस्यों और उनके रिश्तेदारों द्वारा किया गया था। आय के अनुपात में पहचानकर्ताओं द्वारा खरीदा गया था। उल्लेखनीय है कि सुरजीत ग्रेवाल जालंधर और फिरोजपुर रेंज में एस.एस.पी. के पद पर तैनात थे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के कार्यकाल के दौरान मोगा और फाजिल्का के एस.एस.पी. के रूप में कार्य किया। वह 2014 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार भरत सिंह चहल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की भी जांच की थी।
अमेरिका में रहने वाले एन.आर.आई. सरबजीत सिंह ने 2015 में सुरजीत के खिलाफ ब्यूरो के मुख्य निदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई थी। वी.बी. के पटियाला विंग ने ग्रेवाल के खिलाफ विस्तृत जांच की थी। गौरतलब है कि 21 दिसंबर 2017 को एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें ग्रेवाल पर अपनी सेवा के दौरान भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। अपनी रिपोर्ट में वी.बी. ने ग्रेवाल की संपत्ति को उनकी आय से 6 गुना अधिक पाया और उन्हें गुमनाम संपत्ति में निवेश करते हुए पाया। उन्होंने 1.5 करोड़ रुपए का 5 किलो सोना भी खरीदा और एक रिश्तेदार के नाम पर एक निजी कंपनी में 1 करोड़ रुपए का निवेश किया।
वी.बी. का दावा है कि ग्रेवाल की 1 अप्रैल 1999 से 31 दिसंबर 2014 तक 15 साल की संपत्ति की जांच के दौरान अनियमितताएं पाई गईं। वह भी शुरुआती जांच के दौरान पाई गई। इस दौरान वी.बी. ने पाया कि उनकी 15 साल की संपत्ति 2.12 करोड़ थी लेकिन खरीदी गई संपत्ति (चल और अचल) 12.19 करोड़ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब पुलिस में एक लोक सेवक के रूप में ग्रेवाल ने अपने पद का पूरी तरह से दुरुपयोग किया था और पिछले 15 वर्षों में कथित तौर पर अपनी आय से अधिक खर्च किया था और साथ ही भ्रष्ट तरीके से अवैध संपत्ति बनाई थी।
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