इंजीनियरिंग छात्र का कमाल, 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाया अनोखा प्रोजेक्ट

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2019 - 06:04 PM (IST)

पठानकोट(आदित्य): दुनिया भर में इलैक्ट्रिसिटी के क्षेत्र में ओम्स लॉ को इस्तेमाल में लाया जाता है, परन्तु पठानकोट के  इंजीनियरिंग के छात्र (एम.टैक) ने इस ओम्स लॉ को तोडऩे का दावा किया है और इलैक्ट्रिसिटी के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने वाले उपकरण का आविष्कार किया है। 
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पठानकोट के इंजीनियर उदय सिंह व उसकी टीम सदस्य इंजी. बादल सहदेव, इंजी. तरुण काशनी, इंजी. सिद्धांत शर्मा ने अपनी 8 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो बिजली की क्षमता को बढ़ाएगा। ओम्स लॉ के तहत इलैक्ट्रिसिटी में जब-जब वोल्टेज बढ़ेगी, तब-तब करंट भी बढ़ेगा, परन्तु उनके द्वारा आविष्कारिक उपकरण ओम्स लॉ के विपरीत काम करेगा। जिसमें जब-जब वोल्टेज बढ़ती जाएगी,  तब-तब करंट कम होता जाएगा। इस दौरान इंजीनियर उदय सिंह व उनकी टीम ने पत्रकारों के समक्ष अपने आविष्कारिक उपकरण को प्रदर्शित करके दिखाया कि एक जैनरेटर के माध्यम से बिजली सप्लाई को वोल्टेज स्टैबेलाइजर में लाया गया तथा उसमें पैदा हुए बिजली लोड की रीडिंग को दिखाया गया कि आऊटपुट करंट क्षमता 4.8 थी और इनपुट (मेन सप्लाई) में करंट क्षमता 2.3 थी। जिससे उन्होंने साबित किया कि उनके द्वारा बनाए गए उपकरण से आने वाली बिजली ओम्स लॉ पर काम नहीं करती। 
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यह उपकरण इलैक्ट्रिसिटी क्षेत्र में नई क्रांति लाने वाला है और उनका आविष्कार हर किसी के लिए लाभदायक बन सके इसके लिए उन्होंने सरकार से मान्यता लेने हेतु इंटलैक्चूअल प्रॉपर्टी इंडिया नई दिल्ली को आवेदन कर दिया है और उनकी ओर से इस उपकरण का पेपर पब्लिश किया जा चुका है। इंजीनियर उदय सिंह व उसकी टीम ने बताया कि उनका यह आविष्कारिक उपकरण घरेलू, व्यवसायिक और डैम, हर्बल प्लांट्स में इस्तेमाल हो सकता है, जिससे बिजली की कमी को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इसकी ओर ध्यान देकर उनके इस उपकरण को मान्यता देगी ताकि लोगों को जल्द इसका लाभ मिल सके। 


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