22 की उम्र में देश के लिए हो गया शहीद, सेहरा बांध परिवार ने दी अंतिम विदाई

punjabkesari.in Sunday, Nov 29, 2020 - 01:06 PM (IST)

तरनतारन (रमन): बीते शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी इलाके में कंट्रोल रेखा के साथ पाकिस्तानी सेना की तरफ से अंधाधुंध फायरिंग में शहीद हुए जे. एंड के. राइफल्स के सिपाही सुखबीर सिंह का आज उनके जद्दी गांव ख्वासपुरा में सरकारी सम्मानों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके डी.सी. कुलवंत सिंह, सरकारी अधिकारियों, इलाके के मोहतबर व्यक्तियों और फौजी अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में इलाके की संगत की तरफ से शहीद को फूल अर्पण कर श्रद्धांजलि भेंट की गई।

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डी.सी. ने परिवार से जताई हमदर्दी
शहीद जवान को श्रद्धांजलि भेंट करते और दुखी परिवार के साथ हमदर्दी जताकर अपनी संवेदना जाहिर करते हुए डी.सी. कुलवंत सिंह ने कहा कि 22 वर्षीय सिपाही सुखबीर सिंह एक बहादुर और उत्साही सैनिक था। देश इस सैनिक की महान बलि और ड्यूटी प्रति समर्पण भावना को हमेशा याद रखेगा और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से शहीद जवान के एक परिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी सहित 50 लाख रुपए की एक्स ग्रेशिया देने का ऐलान किया गया है।

परिवार को दी जा रही हिम्मत
शहीद सिपाही सुखबीर सिंह जो तरनतारन जिले की तहसील खडूर साहिब के गांव ख्वासपुर का रहने वाला था, अपने पीछे पिता कुलवंत सिंह, माता जसबीर कौर, भाई कुलदीप सिंह (शादीशुदा) और 2 बहनें दविंदर कौर (शादीशुदा) और कुलविंदर कौर को छोड़ गया है। देश की खातिर शहीद हुए सुखबीर सिंह के परिवार के साथ जहां सारा गांव और प्रशासन कंधे के साथ कंधा जोड़ खड़ा नजर आया। वहीं परिवार को हिम्मत देने वालों की भीड़ लगी रही।

सैंकड़े नम आंखों ने दी अंतिम विदाई 
इस गमहीन माहौल दौरान गांव में एकत्रित सैंकड़े व्यक्तियों की आंखें नम हो गई। जिनकी तरफ से शहीद सुखबीर सिंह को याद करते हुए देश भक्ति के नारे लगाए गए। इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंची प्रमुख शख्सियतों की तरफ से शहीद की मृतक देह को अंतिम विदाई देने मौके कंधा भी दिया गया।

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पाकिस्तान से बदला लेने के लिए हुआ था भर्ती
शहीद के परिवार ने बताया कि पाकिस्तान की भद्दी और देश विरोधी नीतियों का बदला लेने के लिए सुखबीर सिंह करीब 2 साल पहले जम्मू कश्मीर राइफल रेजीमेंट में बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। जो पाकिस्तानी सैनिकों के साथ सीधा मुकाबला करता हुआ शहीद हो गया। गांव के कई युवा शहीद हुए सुखबीर सिंह से सबक लेकर फौज में भर्ती होने के लिए प्रेरित होते नजर आए। जो अपने गांव के रहने वाले सुखबीर की शहादत का बदला लेना चाहते हैं।

परिवार ने सजाया सिर पर सेहरा 
जम्मू कश्मीर राइफल रेजीमेंट के अधिकारियों और सिपाहियों की तरफ से शहीद की अर्थी को फूलों के हारों और देश के तिरंगे झंडे के साथ ढक कर घर में लाया गया। जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ करते हुए श्रद्वांजलि भेंट की गई। परिवार की तरफ से शहीद के सिर पर शादी का सेहरा बांधते हुए अंतिम विदाई दी गई। यह सारा माहौल देखकर लोगों की आंखों में आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पूरे गांव में शौक लहर जारी रही।


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Tania pathak

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