डा. नेहा शौरी मर्डर केस की जांच के लिए SIT गठित

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2019 - 10:40 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत): खरड़ लैबोरेटरी में ड्रग इंस्पैक्टर नेहा शौरी की हत्या के मामले की जांच के लिए एस.आई.टी. का गठन कर दिया गया है। जांच का काम आई.जी. वी. नीरजा की देखरेख में होगा। टीम में एस.एस.पी. एस.ए.एस. नगर एच.एस. भुल्लर, एस.एस.पी. रोपड़ स्वप्न शर्मा, ए.डी.सी. रोपड़ जगविंद्र सिंह व असिस्टैंट ड्रग कंट्रोलर संजीव गर्ग भी शामिल रहेंगे। आवश्यकतानुसार एस.आई.टी. में और भी अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।

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बलविंदर सिंह की पत्नी दर्शन कौर ने भरे मन से बताया कि यह तो उसका परिवार सोच भी नहीं सकता कि उसका पति किसी का कत्ल कर सकता है। बलविंदर सिंह परिवार के पालन-पोषण को लेकर बहुत जिम्मेदार रहते थे। उनका कभी भी किसी से कोई झगड़ा नहीं था, यह बात सारे शहर में किसी से भी पूछी जा सकती है। उनका कोई क्रिमिनल केस भी नहीं चल रहा था। दर्शन कौर ने बताया कि वर्ष 2009-10 में मैडीकल स्टोर सील होने के बाद बलविंदर सिंह ने बी.ए.एम.एस. की डिग्री प्राप्त की और फिर उन्होंने अपना निजी क्लीनिक खोला।
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चुनावी माहौल में सत्तासीन कांग्रेस पर विपक्षी हमले की वजह बन रहे इस मामले में एस.आई.टी. गठित करके जांच का काम तेजी से निपटाए जाने की उम्मीद की जा रही है, जिसमें हत्यारोपी बलविंद्र सिंह को असला लाइसैंस जारी होने व हथियार खरीदे जाने से जुड़े सभी तथ्यों की बारीकी से जांच की जाएगी। यह भी जांच की जाएगी कि हथियार का लाइसैंस जारी होने की प्रक्रिया में किस-किस अधिकारी ने लापरवाही बरती। महिला अधिकारी शौरी की हत्या पिछले सप्ताह खरड़ स्थित कैमीकल एग्जामिनर लैब में स्थित उनके कार्यालय में की गई थी। उन पर एक पूर्व दवा विक्रेता बलविंद्र सिंह द्वारा गोली चलाई गई थी। बलविंद्र सिंह की दुकान से प्रतिबंधित दवाएं बरामद होने के बाद ड्रग इंस्पैक्टर नेहा शौरी ने उसकी दुकान का लाइसैंस कैंसिल किया था। 

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इधर, आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि यदि 24 घंटे के भीतर पंजाब सरकार ने महिला अधिकारी की हत्या से जुड़े मामले की जांच सी.बी.आई. को न सौंपी तो स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा का घेराव किया जाएगा। आप प्रधान भगवंत मान ने कहा कि यह मामला निश्चित ही ईमानदार अधिकारियों की आवाज को बंद करने के लिए ड्रग माफिया द्वारा की गई ङ्क्षहसक कार्रवाई का है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में महिला अधिकारी को इंसाफ न मिला तो ईमानदार अधिकारी खुद को सुरक्षित नहीं समझेंगे। 


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