महंगे पक्षियों की तस्करी से जुड़ा मामला: खुफिया एजैंसी के पकड़े विदेशी पक्षी बनेंगे पंजाब की ‘शान’

punjabkesari.in Tuesday, Nov 10, 2020 - 10:16 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): भारतीय खुफिया एजैंसी की पकड़ में आए विदेशी पक्षी अब पंजाब की शान बनेंगे। तस्करी के एक संदिग्ध मामले में पकड़े गए करीब 30 विदेशी पक्षियों को पंजाब वन्यजीव विभाग ने छतबीड़ जू में रिलीज करने की तैयारी कर ली है। फिलहाल ये पक्षी क्वारंटीन सैंटर में हैं, जिन्हें एक-दो सप्ताह के भीतर नए पिंजरों में शिफ्ट किया जाएगा। ज्यादतर पक्षी मूल रूप से आस्ट्रेलिया के हैं। 

पंजाब के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन आर.के. मिश्रा के मुताबिक क्वारंटीन सैंटर में विदेशी पक्षियों की काफी समय तक मॉनिटरिंग की गई है। आमतौर पर विदेशी पक्षी स्थानीय परिवेश में ढलने के लिए काफी समय लेते हैं। उस पर ये विदेशी पक्षी किसी जू से ट्रांसफर नहीं किए गए हैं, बल्कि किसी निजी जगह से इन्हें पकड़ा गया था। इसलिए मैडीकल जांच प्रक्रिया भी पूरी करनी होती है। अब ये पक्षी पूरी तरह स्वस्थ हैं और जू में रिलीज करने लायक हो गए हैं।

अमेजन मकऊ से लेकर गुलाबी-ग्रे कॉकटू तक 
खुफिया एजैंसी द्वारा पकड़े गए पक्षियों में अमेजन मकऊ से लेकर गुलाबी-ग्रे कॉकटू तक शामिल हैं। छतबीड़ जू के डायरैक्टर एम. सुधाकर के मुताबिक एजैंसी ने 6 मकऊ पकड़े थे, जिनमें अमेजन मकऊ को पहले चरण में रिलीज किया जाएगा। इसी कड़ी में गुलाबी ग्रे कॉकटू, अफ्रीकन ग्रे पैरेट, कॉकटील, इंडोनेशिया में पाए जाने वाले सफेद काकतुआ, उत्तरपूर्वी आस्ट्रेलिया के एक्लेक्टस पैरेट भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। जू डायरैक्टर के मुताबिक फिलहाल दो पिंजरे तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें इन पक्षियों को सिलसिलेवार तरीके से रिलीज किया जाना है। जू के कुछ पिंजरों में कॉकटील्स व जैबरा फिन्चीस भी हैं तो कुछ पक्षियों को चरणबद्ध तरीके से ग्रुप में छोड़ा जा सकता है। कुल मिलाकर योजना यही है कि तैयार किए गए हाऊस में एक जोड़ा मकऊ सबसे पहले रिलीज किया जाए। पिंजरे में इन मकऊ के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा, उसके बाद दूसरे जोड़े को छोड़ा जाएगा। हालांकि कड़ाके की सर्दी वाले दिनों में इन्हें रिलीज नहीं किया जाएगा लेकिन फरवरी के पहले सप्ताह तक सभी को रिलीज करने की योजना है।

PunjabKesari, Foreign birds will become 'pride' of Punjab

इंदौर से लिया था कस्टडी में, फिर पहुंचे पंजाब
इन पक्षियों ने इंदौर से पंजाब तक का सफर तय किया है। दरअसल, इंदौर में राजस्व खुफिया निदेशालय ने एक सूचना के आधार पर छापेमारी की थी, जहां करुणा सागर नामक संस्था निजी तौर पर जू ऑप्रेट कर रही थी। खुफिया निदेशालय ने जब जांच-पड़ताल की तो निजी जू संचालक पक्षियों से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। नतीजा, एजैंसी ने सभी पक्षियों को अपनी कस्टडी में ले लिया और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए खुफिया एजैंसी की दलीलों को सुना। एजैंसी ने बताया कि कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्डलाइफ फोना एंड फ्लोरा के तहत विदेशी पक्षियों के आयात पर पूरी तरह रोक है। किसी ने आयात करना है तो कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत भारत सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। एजैंसी के वकील ने दलील दी कि एजैंसी ने जो वन्य जीव पकड़े हैं, उनके आयात का कोई ठोस दस्तावेज नहीं है, जिससे तस्करी की संभावना को बल मिलता है। कोर्ट ने इन्हीं दलीलों के आधार पर मध्य प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को सभी वन्यजीवों को कस्टडी में लेने के आदेश सुनाए, ताकि देश के रैस्क्यू सैंटर में इन्हें ट्रांसफर किया जा सके।

पंजाब वन्यजीव विभाग के अधिकारियों की मानें तो जानकारी मिलने पर मध्य प्रदेश और पंजाब के वन्यजीव विभाग के अधिकारियों की आपस में बात हुई और मध्य प्रदेश ने करीब 30 पक्षियों को पंजाब शिफ्ट करने की अनुमति दे दी। पंजाब का छतबीड़ जू देश का बड़ा जू है, इसलिए यहां सारी सुविधाएं हैं। इसी को देखते हुए पक्षियों को यहां लाने में कोई अड़ंगा नहीं लगा।


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Sunita sarangal

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