जर्मन गया बलबीर 11 साल बाद गांव पहुंचा वह भी मृतक

punjabkesari.in Saturday, Oct 26, 2019 - 02:47 PM (IST)

श्री माछीवाड़ा साहिब(टक्कर): माछीवाड़ा के पास गांव टांडा कुशल सिंह का निवासी नौजवान बलबीर सिंह (36) जो कि रोजगार के लिए विदेश गया था और 11 वर्ष बाद लौटा भी तो वह भी मृतक रूप में, जिस कारण परिवार और गांव में शोक की लहर पाई जा रही।किसान ज्ञानी कर्म सिंह का सुपुत्र बलबीर सिंह जोकि 2008 में रोजगार के लिए जर्मन गया था और वह पिछले 11 वर्षों से वहां मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। बलबीर सिंह जर्मन में वुलफसबर्ग के शहर लिटाओ में एक रैस्टोरैंट अंदर बतौर कुक का काम कर रहा था कि अचानक 16 अक्तूबर को दिल का दौरा पडऩे से उसका देहांत हो गया। नौजवान बलबीर सिंह ने जर्मन में पक्का होने के लिए संघर्ष कर रहा था और उसकी इच्छा थी कि वह विदेश में पक्का होने के बाद गांव परतेगा जिस कारण वह गांव रहते अपने परिजनों, पत्नी और बच्चों से 11 वर्ष दूर रहा।

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जानकारी अनुसार बलबीर सिंह को कुछ महीनों बाद जर्मन की नागरिकता मिलने वाली थी जिसके बाद उसने गांव परतना था परंतु होनी को कुछ ओर ही मंजूर था। वह जीते हुए तो गांव नहीं लौट सका और आज 11 वर्षों बाद मृतक रूप में अपने गांव की मिट्टी में मिट्टी हो गया। बीती रात उसका शव जर्मन से गांव टांडा कुशल सिंह में पहुंचा और 11 वर्ष बाद परिजनों, बच्चों व उसकी पत्नी को बलबीर सिंह मृतक रूप में देखना नसीब हुआ। गांव के शमशानघाट में बलबीर सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया जहां पिता कर्म सिंह, लड़के हरविंदर सिंह और सुखदेव सिंह ने मृतक के शव को अग्नि दी। इस मौके परिवार के साथ पूर्व विधायक जगजीवन सिंह खीरनिया, समाज सेवी शिव कुमार शिवली, पूर्व सरपंच दलजीत सिंह बुल्लेवाल, कुलविंदर सिंह माणेवाल, बहादर सिंह, सुरिंदर सिंह, करनैल सिंह, इन्द्रजीत सिंह, डा. बलविंदर सिंह, अजैब सिंह द्वारा दुख का प्रगटावा किया गया।


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