पंजाब में बहुत जल्द इस ट्रैक पर दौड़ेंगी मालगाडियां, व्यापार को मिलेगी नई दिशा

punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2023 - 07:48 PM (IST)

लुधियाना (गौतम) : मालगाडियों से माल की ढुलाई के लिए बन रहे ईस्टर्न डेडिकेट फ्रेट कोरिडोर ईडीएफसी पर जल्द ही विभाग की तरफ से ट्रायल किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सितंबर महीने के अंत या अक्तूबर के पहले सप्ताह तक खतौली से साहनेवाल तक मालगाड़ी के साथ इस ट्रैक पर ट्रायल किया जाएगा। सफल ट्रायल होने पर इस पर मालगाडियों को चलाया जाएगा। विभाग की तरफ से सितंबर महीने की शुरूआत में खुर्दा से लेकर साहनेवाल तक करीब 400 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर डीजल इंजन से चलने वाले विशेष कोच से इस पर निरीक्षण किया गया था। 

अधिकारियों का कहना है कि खतौली तक ट्रैक पूरी तरह से तैयार है और आगे भी काम आखिरी चरण में है। इस डीएफसीसी के चलने से पंजाब के व्यापार को नई दिशा मिलेगी। अधिकारियों ने इसके निरीक्षण के लिए न्यू खुर्जा से न्यू खतौली और वहां से लुधियाना के साहनेवाल तक निरीक्षण किया। न्यू खुर्जा से खतौली तक का 135 किलोमीटर ट्रैक पूरी तरह से तैयार है और इस पर मालगाड़ी का ट्रायल भी हो चुका है। न्यू खतौली से साहनेवाल तक भी ट्रैक आखिरी चरण में है, जिस पर भी जल्द ही मालगाड़ी दौड़ कर ट्रायल किया जाएगा। 

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार ने इस 400 किलोमीटर के निरीक्षण के दौरान काफी हद निरीक्षण ठीक पाया गया है, कुछ कमियों को दूर कर दिया गया है और ट्रायल के लिए तैयारी की जा रही है। गौर है कि रेलवे विभाग की तरफ से मालगाडियों के लिए अलग ट्रैक बनाया जा रहा है, जो कि पश्चिम बंगाल से पंजाब तक है। मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रैक को लिंक भी कर दिया गया है और खुर्जा से खतौली तक पूरी तरह से तैयार है। बीच में खतौली से न्यू पिलखनी तक ट्रांसमिशन व सिंगनल का काम तेजी से चल रहा है। 

अधिकारियों के अनुसार खुर्जा से साहनेवाल तक के ट्रैक को अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस ट्रैक पर कई ओबरब्रिज बनाए गए है, जिनमें राजपुरा, अंबाला मेर रोड, यमुना , न्यू दिल्ली, शभू, मारकंडा, सरहिंद बाईपास, दोराहा नहर शामिल है। ईडीएफसी पंजाब में 80 किलोमीटर, हरियाणा में 72 किलोमीटर, यूपी में 1078 किलोमीटर, बिहार में 195 किलोमीटर, झारखंड में 195 व वेस्ट बंगाल में 203 किलोमीटर ट्रैक बिछाया गया है।  इस ट्रैक का निर्माण् 180 किलोमीर प्रति घंटा की रफ्तार को देख कर किया गया है । मालगाडियों को उनकी स्पीड के हिसाब से चलाया जाएगा। इससे मालगाडियां अपने उचित समय पर सामान को पहुंचा सकेगी और पैंसेजर ट्रेनें भी उचित समय पर चलने के कारण देरी से नहीं चलेगी।  


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Content Writer

Subhash Kapoor

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