गुजरात चुनाव प्रचार में भगवंत मान की कितनी है अहमियत!

punjabkesari.in Wednesday, Nov 16, 2022 - 10:20 AM (IST)

जालंधर: भले ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को राज्य कांग्रेस कानून व्यवस्था को लेकर बार-बार घेर रही है। कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे हैं कि वह गुजरात चुनाव की रैलियों में व्यस्त हैं। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि मान आम आदमी पार्टी के उन राष्ट्रीय चेहरों में से एक हैं जिन्हें भारत के लोग पहचानते हैं। यही कारण है कि मान पर आम आदमी पार्टी भरोसा कर रही है। मान पंजाब चुनावों में पार्टी के लिए एक अथक प्रचारक थे जो मतदाताओं को लुभाते थे और एक दिन में 10-10 रैलियां करते थे।

गुजरात में लगभग 50,000 सिख आबादी

पंजाब में ‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग का कहना है कि मान गुजरात में केवल रोड शो निकाल रहे हैं और सप्ताहांत में सभाओं को संबोधित कर रहे हैं परंतु 20 नवंबर के बाद पार्टी गुजरात में अपना अभियान तेज करेगी। हालांकि जानकारों का कहना कि भाषा की बाधा के चलते ‘आप’ की यह रणनीति कितनी सफल होगी, यह अभी कहना जल्दबाजी होगा। गुजरात में लगभग 50,000 की एक छोटी-सी सिख आबादी है जो कच्छ, वडोदरा और सूरत के गांधीधाम, लखपत क्षेत्रों में केंद्रित है जिनमें से कुछ को मान ने अपने अभियान में शामिल किया है। इसके अलावा भावनगर, अहमदाबाद, जामनगर, वलसाड, नवसारी और वापी में भी सिख फैले हुए हैं।

केजरीवाल के बाद मान स्टार प्रचारक

अहमदाबाद में गुरुद्वारा गोबिंदधाम के पूर्व अध्यक्ष जसबीर मखीजा के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में सिख आबादी ‘आप’ का नहीं बल्कि भाजपा का समर्थन कर रही है। ‘आप’ नेताओं की जनसभाओं में मान के भारी पंजाबी उच्चारण के साथ वोटरों को उनकी हिंदी समझने के लिए कठिनाई का सामना पड़ता है। ‘आप’ के एक नेता का कहना है कि पार्टी के लिए मान की अहमियत बहुत गहरे स्तर पर है। केजरीवाल के बाद मान पार्टी के लिए एक ब्रांड एंबैसेडर के समान हैं, जिन्होंने सत्ता में आने के 6 महीने के भीतर पंजाब में काफी काम किया है। जब मान जाकर मतदाताओं को बताते हैं कि उनकी सरकार ने नौकरियां दी हैं, पुरानी पैंशन योजना (ओ.पी.एस.) की बहाली की घोषणा की है और 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी है तो यह मायने रखता है। ‘आप’ नेता ने कहा कि वह भ्रष्टाचार को भी निशाने पर ले रहे हैं और गुजरात में उसकी जरूरत है।

जब मान बोले- राजनेता नहीं बनना चाहता था

हाल ही में मान ने पारंपरिक दलों के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह एक टी.वी. शख्सियत बनकर संतुष्ट थे और राजनेता नहीं बनना चाहते थे परंतु सिस्टम को बदलने के लिए उन्हें राजनीति में आना पड़ा। उनके इस भाषण का वीडियो भी वायरल हो गया था। ‘आप’ इस बात को भी उजागर करती रही है कि उसने मान को एक सार्वजनिक मतदान द्वारा चुना है। अपने भाषणों में मान क्रांतिकारी नेता और अपने आदर्श भगत सिंह का उल्लेख करते हैं और युवाओं को स्वतंत्रता सेनानी का अनुसरण करने का आग्रह करते हैं। 

नवरात्रि उत्सव के दौरान उन्होंने केजरीवाल के साथ राजकोट में एक गरबा में भाग लिया था जहां उन्होंने पंजाब अभियान की तरह काम किया। मान ने गुजरात के कच्छ, जूनागढ़, सुरेंद्रनगर, साबरकांठा, दाहोद, वडोदरा, वलसाड, सूरत, पंचमहल, बनासकांठा, नवसारी और भरूच जिलों में प्रचार किया। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद उन्होंने मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में अपना पहला रोड शो किया जहां दंगा पीड़ित लोग रहते हैं।

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Content Writer

Sunita sarangal

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