कोहरे में ड्राइवर के साथ ‘त्रिनेत्र’ बनेगा ट्रेन का सारथी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 20, 2016 - 10:33 AM (IST)

लुधियाना (विपन): सर्दी के मौसम में पड़ रहे कोहरे के कारण विजीबिलिटी कम होने से रेल ट्रैक पर ट्रेन ड्राइवर को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है जिसके चलते ट्रेनों की रफ्तार काफी कम हो जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे द्वारा एक यंत्र तैयार किया गया है जिसे त्रिनेत्र नाम दिया गया है जोकि कोहरा गिरने वाले दिनों में ट्रेन ड्राइवर का बहुत बड़ा सहायक सिद्ध होगा। रेल ट्रैक पर घटित होने वाली अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए ड्राइवर को कम विजीबिलिटी में भी रेल ट्रैक को 1 से 2 किलोमीटर तक देखने की क्षमता प्रदान करने वाला यह डिवाइस ट्रेनों के इंजन में लगाने की तैयारी रेलवे मुख्यालय द्वारा की जा रही है जिसे ‘त्रिनेत्र’ का नाम दिया गया है। 

 

रेल ट्रैक पर किसी भी गड़बड़ी की जानकारी देगा ‘त्रिनेत्र’ 
रेल ट्रैक पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी जैसे ट्रैक में दरार हो, पटरी टूटी हो, पटरी के स्लीपर टूटे हों, रेल लाइन पर कोई व्यक्ति, पशु या वाहन खड़ा है तो यह डिवाइस ‘त्रिनेत्र’ ऐसी स्थिति को एक से 2 किलोमीटर पहले ही देख लेगा और ट्रेन ड्राइवर को रैड सिग्नल मिल जाएगा ताकि वह ट्रेन को रोक  सके। यह यंत्र सर्द रितु में कोहरा गिरने के दौरान भी कार्य करेगा।   


पहले 100 ट्रेनों में लगाया जाएगा यह डिवाइस
उत्तर प्रदेश लखनऊ के आर.डी.एस.ओ. द्वारा तैयार किए गए इस डिवाइस त्रिनेत्र को प्रथम प्रायोगिक चरण में 100 ट्रेनों में लगाया जाएगा जिसके लिए लखनऊ से दिल्ली तक के रास्ते में इसका प्रयोग कर लिए जाने की सूचना भी मिली है। सूत्र बताते हैं कि त्रिनेत्र को डिवैल्प करने के लिए जुलाई माह में आवेदन मांगे थे जिसके चलते एक भारतीय कंपनी सहित कुल 6 कंपनियों ने इसके लिए अपना इंट्रस्ट दिखाया था। 

त्रिनेत्र हाईटैक तकनीक से है लैस
हाईटैक तकनीक से लैस त्रिनेत्र ट्रेन के इंजन में उसी प्रकार कार्य करता है जैसे सुरक्षा व्यवस्था के चलते लड़ाकू जहाज तथा कोहरे में रास्ता दिखाने के लिए युद्धपोत में लगे यंत्र कार्य करते हैं। 


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