बार्डर इलाके में हो रही माइनिंग को लेकर हाईकोर्ट ने खड़ा किया सवाल, जारी किया आदेश
punjabkesari.in Wednesday, Nov 08, 2023 - 11:45 AM (IST)

चंडीगढ़ : पंजाब में हो रही लीगल या गैर-कानूनी माइनिंग का दायरा बहुत बड़ा है। इसके लिए हर एक पहलू को परखने की जरूरत है। इसलिए हर पहलू पर अलग सुनवाई होनी चाहिए, ताकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट किसी नतीजे पर पहुंच सके।
हाईकोर्ट ने बॉर्डर इलाके में हो रही माइनिंग से पैदा हुए खतरे और सेना के ऐतराज को देखते हुए डिफैंस मिनिस्ट्री से कहा कि कोर्ट में याची पक्ष की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों और तस्वीरों की समीक्षा करने के बाद 4 सप्ताह के भीतर कोर्ट को बताएं कि बॉर्डर पर कानून के दायरे में रहकर माइनिंग कैसे संभव है। हाईकोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में माइनिंग को लेकर दर्जनों याचिकाएं लंबित हैं, जिन्हें लेकर कई बार सरकार को व संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाबतलबी हो चुकी है लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं निकल रहा।
गत वर्ष माइनिंग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बी.एस.एफ. और सेना की ओर से इस संबंध में दाखिल किए एफिडैविट पढ़ने के बाद सरकार को जमकर फटकार लगाई थी और भारत-पाक सीमा पर रावी नदी में सभी तरह की माइनिंग पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। चाहे वह सरकार द्वारा इजाजत मिलने पर ही क्यों न की जा रही हो। कोर्ट कह चुका है कि गैर-कानूनी माइनिंग के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए थे कि कोर्ट को बताया जाए कि जमीनी स्तर पर सरकार ने गैर-कानूनी माइनिंग को रोकने के लिए अभी तक क्या प्रयास किए लेकिन आज तक सरकार कोई सीधा जवाब नहीं दे पाई है।
हाईकोर्ट पहले भी कह चुका है कि सेना और देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाली बी.एस.एफ. की रिपोर्ट से बढ़कर कोई अन्य सबूत गैर-कानूनी माइनिंग के नहीं हो सकते, इसलिए कोर्ट आदेश जारी कर रहा है कि तुरंत प्रभाव से देश की सुरक्षा के मद्देनजर अंतर्राष्ट्रीय सीमा को जोड़ती रावी नदी के आसपास किसी भी तरह की माइनिंग नहीं होगी, खासकर पठानकोट और गुरदासपुर जिले में, जहां पाक सीमा निकट है।
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