डॉक्टरों की हाजिरी यकीनी करवाने में फेल साबित हुआ अस्पताल, प्रशासन दोबारा लगाएगा बायोमेट्रिक मशीनें

punjabkesari.in Tuesday, Nov 08, 2022 - 10:14 AM (IST)

अमृतसर (दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल में डॉक्टरों की हाजिरी यकीनी करवाने में फेल साबित हुआ अस्पताल प्रशासन अब दोबारा हाजिरी लगाने संबंधी बायोमेट्रिक मशीनें लगाने जा रहा है, इससे पहले भी कई बार मशीनें लगी तथा कई बार कई डॉक्टर सुबह हाजिरी लगाकर चले जाते थे तथा शाम को दोबारा घर से आकर हाजिरी लगाकर पूरे दिन का वेतन ले लेते थे। सरकारी खजाने को जहां पिछले समय में हाजिरी के नाम पर फरलों लगाकर कुछ डाक्टरों द्वारा लाखों रुपए का चूना लगाया गया, वहीं अब नैशनल मेडिकल कौंसिल का हवाला देते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं, फिलहाल अस्पताल में 5 के करीब मशीनें लगाई जाएंगी।

जानकारी के अनुसार पंजाब का सबसे बड़ा कहे जाने वाला गुरु नानक देव अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से नीचे उतरी हुए हैं। लोगों की धारणा थी कि आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद स्वास्थ्य सेवा में सुधार होगा, परंतु अफसोस की बात है कि आप सरकार के आने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों है। बायोमेट्रिक मशीन न लगने के कारण पहले कुछ डाक्टर अपनी मनमर्जी से अस्पताल में ड्यूटी के समय आते थे व अपनी मर्जी से ही निर्धारित समय से पहले ड्यूटी से खिसक जाते थे। मैडीकल कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा डाक्टरों की हाजिरी यकीनी बनाने के लिए बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई, फरलों मारने की आदत से मजबूर कुछ डाक्टर ने बायोमेट्रिक मशीनों का भी तोड़ निकाल लिया, वह ड्यूटी पर समय पर आते तथा हाजिरी लगाकर अपने घरों को चले जाते। इस दौरान कई डाक्टर तो पजामाकुर्ता व नाइट सूट तक पहनकर हाजिरी लगाते रहे। बायोमेट्रिक मशीन लगने के बावजूद हाजिरी यकीनी नहीं बनाई जा सकी। अब नैशनल मेडिकल कौंसिल द्वारा डॉक्टरों की हाजिरी को लेकर दोबारा बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का फैसला किया है। मशीनों के ऊपर कैमरे लगाने के लिए कहा गया है, कौंसिल द्वारा यह निर्णय इसलिए लिया गया है कि डॉक्टर की हाजिरी चैक की जा सके तथा यह देखा जा सके कि वह कहीं प्राइवेट इंस्टिच्यूट में तो नहीं जा रहे, परंतु कौंसिल जितने मर्जी सख्ती कर ले, जिन डॉक्टरों को लेटलतीफी तथा फरलों मारने की आदत है, वह कभी भी अपनी आदत को नहीं छोड़ सकते। पहले भी डॉक्टरों की हाजिरी यकीनी बनाने में अस्पताल प्रशासन फेल साबित हुआ था, अब दोबारा देखना होगा कि नए मैडीकल सुपरिटेंडेंट डा. कर्मजीत सिंह डॉक्टर की हाजिरी यकीनी बना पाएंगे या नहीं, यह उनके लिए एक चुनौती होगी।

कई डाक्टर दोनों हाथों से चांदी रहे हैं कूट

अस्पताल के कई डाक्टर दोनों हाथों से चांदी कूट रहे हैं, भाव वह सरकारी वेतन भी मोटा ले रहे हैं तथा प्राइवेट प्रैक्टिस भी धड़ल्ले से कर रहे हैं। अस्पताल में हाजिरी लगाने के बाद वह सीधा अपनी प्रैक्टिस करने लग जाते हैं। इस दौरान उन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार का कोई भी भय नहीं है, वह निरंतर अपना काम कर रहे हैं। यहां तक कि कई डाक्टरों ने अपने परिजनों के नाम पर अस्पताल खोले हुए हैं व वह उनके नाम के सहारे अपना ओ.पी.डी. कर रहे हैं। कुछ डाक्टर तो ऐसे हैं, जो सरकारी समय के दौरान प्राइवेट अस्पतालों में जाकर ऑप्रेशन तक करवाते हैं। सरकार व उच्चाधिकारियों को इस संबंध में सब कुछ मालूम है, परंतु वह जानते हुए भी अनजान है।

हाजिरी यकीनी बनाना बड़ी समस्या : मेडिकल सुपरिटेंडेंट

इस संबंध में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट कर्मजीत सिंह ने कहा कि डाक्टरों की हाजिरी यकीनी बनाना बड़ी समस्या है। जब उनसे पूछा गया कि पहले भी बायोमेट्रिक मशीनें लगी थी, तब भी हाजिरी यकीनी नहीं हुई तो अब यकीनन कैसे होगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के एक सीनियर अधिकारी से बातचीत की है कि जब तक डॉक्टरों की सुबह दोपहर शाम को 3:00 समय हाजिरी नहीं लगती, तब तक इन मशीनों का कोई फायदा नहीं होगा। इस संबंध में कौंसिल को भी वह अवगत करवा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान यह मशीनें बंद कर दी गई थी। मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि वह नए आए हैं व डॉक्टरों की हाजिरी यकीनी बनाना उनकी प्राथमिकता रहेगी ताकि मरीजों को कोई समस्या न आ सके।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kalash

Recommended News

Related News