लुधियाना-चंडीगढ़ National Highway पर लगे धरने को लेकर अहम खबर

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 06:44 PM (IST)

समराला (गर्ग, बांगर): गांव मुशकाबाद में बायोगैस फैक्टरी को बंद करने के लिए पिछले 4 दिनों से लुधियाना-चंडीगढ़ हाईवे पर चल रहा धरना आज खत्म कर दिया गया। देर रात धरनास्थल के पास सड़क हादसे में लुधियाना के एसीपी की मौत हो गई। वहीं उनके गनमैन की मौत के बाद आज सुबह से ही पुलिस प्रशासन के कड़े कदम देखकर ऐसा लग रहा था कि यह विरोध प्रदर्शन किसी भी हाल में खत्म हो सकता है। वहीं, प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे नेताओं ने कहा कि पुलिस अधिकारी की मौत के प्रति सहानुभूति जताते हुए फिलहाल इस प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया है और जल्द ही बैठक कर अगले संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

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धरना स्थल पर पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। स्थानीय एस.डी.एम औरअन्य प्रशासनिक अधिकारी भी 3 दिनों से बंद इस नेशनल हाईवे को खुलवाने के लिए जुटे हुए थे। प्रशासन की कड़ी आवाज और कार्रवाई की संभावना को भांपते हुए प्रदर्शनकारी तुरंत भड़क उठे और मौके की नजाकत को देखते हुए नेताओं ने धरना स्थगित करने का फैसला ले लिया। धरना स्थगित करने का निर्णय होते ही सड़क के बीचों-बीच लगे तंबू, तंबू, लंगर व अन्य सामान को प्रदर्शनकारियों ने समेटना शुरू कर दिया। पुलिस ने हाईवे पर दूर-दूर खड़े ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य वाहनों को हटवाकर चंद मिनटों में ही मार्ग को पूरी तरह से चालू करा दिया।

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पूर्व विधायक जगजीवन सिंह खिरनियां ने कहा कि यहां 15-20 गांवों के लोग शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे। कल रात हुई दुर्घटना पर संघर्ष में शामिल सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना है। इसीलिए संघर्ष समिति के सदस्यों को इस हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह हर संघर्ष में अपना पूरा सहयोग देंगे। उधर, धरना खत्म कराने पहुंचे एसडीएम समराला रजनीश अरोड़ा ने कहा कि कोई भी प्रदर्शनकारी दोबारा इस हाईवे को जाम नहीं करना चाहेगा। यदि ग्रामीणों को अपना विरोध जताना है तो वे प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर बैठकर अपना विरोध जता सकते हैं।

यहां बता दें कि पिछले बुधवार की सुबह से ही मुशाखाबाद, खिरनिया, टपरिया और आसपास के 10-12 गांवों के लोग लुधियाना-चंडीगढ़ हाईवे पर तंबू लगाकर बायोगैस फैक्टरी बंद करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने हाईवे का एक किनारा यातायात के लिए खोल दिया था, लेकिन ग्रामीण पूरी तरह से धरना खत्म करने को तैयार नहीं थे। प्रशासन उनके साथ लगातार बैठकें कर हड़ताल खत्म कराने की कोशिशों में जुटा रहा, लेकिन बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला।

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News Editor

Kamini

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