पंजाब-हरियाणा के युवाओं में बढ़ने लगी नपुंसकता, वृद्धों की सैक्स में बढ़ी दिलचस्पी
punjabkesari.in Monday, Sep 05, 2022 - 09:51 AM (IST)

जालंधर(नरेन्द्र मोहन): पंजाब, हरियाणा के युवाओं में नपुंसकता तेजी से फैल रही है। 20 वर्ष तक के किशोरों में भी नपुंसकता के लक्षण पाए गए हैं जबकि जवानी की उम्र 40 वर्ष तक 40 प्रतिशत पुरुष नपुंसकता में चले जाते हैं। सैक्सवर्धक दवाओं का कारोबार भी तेजी से बढ़ा है और गली-गली में सैक्स रोग माहिरों की दुकानें खुल गई हैं।
विश्व सैक्स स्वास्थ्य दिवस पर पी.जी.आई. द्वारा जारी अनौपचारिक आंकड़ों में उपरोक्त तथ्य बताए गए हैं। यूरोलॉजी विभाग, पी.जी.आई. के प्रोफैसर डा. संतोष कुमार का कहना था कि इंटरनैट अब सैक्स रोगों और कमजोरी का बड़ा कारण बनता जा रहा है, अलबत्ता 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अब सैक्स के प्रति रुचि और उपचार करवाने के मामले बढऩे लगे हैं।डा. संतोष कुमार ने बताया कि लोग इस बात को लेकर भ्रमित हैं कि मैडीकल साइंस में सैक्सोलॉजिस्ट पेशेवर से वे अपनी समस्या का निदान प्राप्त कर सकते हैं, परन्तु तथ्य यह है कि इस तरह का कोई प्रोफैशन देश में मान्य नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सैक्सोलॉजिस्ट या अपनी दुकानें चला रहे नीम-हकीमों के चक्कर में न पड़कर, मर्द रोगी को अपना इलाज यूरोलॉजिस्ट जबकि महिला रोगी को गाइनोकोलॉजिस्ट से परामर्श लेकर शुरू करना चाहिए। ये दोनों डॉक्टर प्रोफैशन वैश्विक स्तर पर चिकित्सा की दृष्टि से मान्य हैं और उन्हीं की रिपोर्ट और उपचार प्रणाली से ही मरीज का उपचार संभव है।
सैक्स रोगों को लेकर 28 फीसदी महिलाएं अपने पार्टनर से अलग हो जाती हैं
उन्होंने बताया कि मरीज 3 प्रकार के सैक्सुअल रोगों से गुजरता है जिनमें सैक्सुअल डाईफंक्शन, सैक्सुअली ट्रांसमिटिड डिजीस (एस.टी.डी.) और रिप्रोडक्टिव हैल्थ मामले शामिल होते हैं। आंकड़ों की मानें तो भारत विश्व की नपुंसकता की राजधानी बनता जा रहा है। एक शोध के अनुसार 35 फीसदी मर्द 40 वर्ष की उम्र से पहले, जबकि 20 फीसदी उम्र के किसी भी पड़ाव में किसी न किसी सैक्सुअल प्रॉब्लम का सामना करते हैं परन्तु हैरत की बात यह है कि 42 फीसदी मर्द डॉक्टरों द्वारा लिखित दवाइयों को छोड़ किसी अन्य सस्ते उपचार का विकल्प तलाशते हैं जोकि निकट भविष्य में उनके लिए घातक सिद्ध होता है। नपुंसकता के प्रति भ्रमित 75 फीसदी मर्द और 66 फीसदी महिलाएं अपनी उम्र को इसका बड़ा कारण मानती हैं। आंकड़े चौंकाने वाले तब बन जाते हैं जब जोड़े इस रोग को लेकर अलग हो जाते हैं। 28 फीसदी महिलाएं इसके चलते अपने पार्टनर से अलग हो जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पी.जी.आई., चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा से प्रतिवर्ष करीब 50,000 मरीज सैक्स रोगों को लेकर उनके पास विभाग में आते हैं। ऐसे में 20 वर्ष तक के युवाओं में 8 प्रतिशत नपुंसकता पाई गई है, 30 वर्ष तक के युवाओं में यह दर 12 प्रतिशत है, 40 वर्ष तक के युवाओं में यह दर 40 प्रतिशत है, 50 वर्ष तक के लोगों में 48 प्रतिशत, 60 वर्ष तक के लोगों में 57 प्रतिशत और 70 वर्ष तक के लोगों में यह दर 67 प्रतिशत है।
ऐश्वर्यपूर्ण लाइफस्टाइल, ध्रूमपान, उम्र, मोटापा और तनाव नपुंसकता के मुख्य कारण
उन्होंने कहा कि पुरुषों में सैक्स हार्मोन 80 वर्ष तक बने रहते हैं। डा. संतोष कुमार के अनुसार 60 वर्ष से अधिक की आयु के लोग सैक्स के प्रति रुचि रखने लगे हैं और ऐसे मरीज उनके पास लगातार आने लगे हैं, जबकि एक 74 वर्ष के पुरुष ने भी चंद रोज पहले सफल सैक्स के लिए पेनाइल इम्प्लांट सर्जरी भी करवाई है और करीब 5 लोग और भी हैं, जिनकी आयु 70 वर्ष के आस-पास है, जो इस सर्जरी के लिए तैयार हैं।नपुंसकता के मुख्य कारण ऐश्वर्यपूर्ण लाइफस्टाइल, ध्रूमपान, उम्र, मोटापा, अत्यधिक दवाइयों का सेवन और तनाव शामिल हैं। अत्यधिक पोर्न वैबसाइट देखना और हस्तमैथून करने से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति चेताते हुए डॉ. संतोष ने सलाह दी कि युवा अपने आपको इससे हट कर सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ खेल और एडवैंचर से अपना नाता जोड़ें।