गुरुपर्व के मौके पर सिख यात्रियों के पाकिस्तान जाने बारे भारत सरकार का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 09:02 PM (IST)

लंदन, (सरबजीत सिंह बनूर) : भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से नवंबर 2025 में गुरु नानक साहिब जी के प्रकाश पर्व पर “सुरक्षा हालातों” का हवाला देते हुए रोक लगा दी गई है और कोई भी सिख यात्री भारत से पाकिस्तान नहीं जा सकेगा। इस फैसले से सिखों में भारी गुस्सा पाया जा रहा है। विदेशी सिखों ने कहा कि भारत सरकार की ओर से सिखों को उनके मूल आध्यात्मिक केंद्रों से अलग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर, जो सिख कौम के लिए एक ऐतिहासिक द्वार था, वह भी बंद पड़ा है। इस कॉरिडोर को खुलने समय “अमन की निशानी” के रूप में पेश किया गया था, लेकिन हकीकत में यह भी राजनीतिक खेलों के हवाले हो गया। जब भी भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ता है, सबसे पहले सिखों का यह आध्यात्मिक रास्ता बंद कर दिया जाता है।
सिखों का मानना है कि उनकी धार्मिक यात्रा अंतरराष्ट्रीय राजनीति की बलि चढ़ा दी जाती है। क्या भारत में रहने वाले सिखों की आज़ादी केवल सरकारों के रिश्तों पर निर्भर रहेगी? भारतीय सरकार हमेशा सिखों को उनके असली केंद्र ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब और पंजाब के ऐतिहासिक गुरुद्वारों से दूर रखने की कोशिश करती है, क्योंकि जब सिख अपनी धरती और आध्यात्मिक मूल से जुड़ते हैं, तो उनके अंदर अलग पहचान और आत्मनिर्भरता का जोश और भी बढ़ जाता है।
इस फैसले से यह साफ हो गया है कि सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता किसी सरकारी ऐलान या मनाही की मोहताज है। सिख फेडरेशन के पूर्व प्रधान भाई कुलवंत सिंह ने कहा कि यह रोक केवल एक यात्रा पर पाबंदी नहीं है, बल्कि एक बड़ा संदेश है कि सिखों के लिए अपनी राजनीतिक ज़मीन बनाना अब समय की सबसे बड़ी जरूरत है।