प्रदेश पार्टी संगठन में निष्ठावान कार्यकत्र्ताओं को मिलेगी प्राथमिकता : अश्विनी शर्मा
punjabkesari.in Saturday, Mar 14, 2020 - 12:34 PM (IST)
चंडीगढ़ (एच.सी.शर्मा/ गुरप्रीत सिंह): पंजाब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी शर्मा का कहना है कि प्रदेश भाजपा संगठन की घोषणा में समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता मिलेगी। पार्टी प्रदेश कार्यालय में ‘पंजाब केसरी’ के साथ विशेष बातचीत में प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने देश और प्रदेश की राजनीति के साथ-साथ पार्टी की स्थिति पर अपने विचार प्रकट किए। प्रस्तुत हैं बातचीत के विशेष अंश।
प्र. : आपको पंजाब भाजपा की कमान संभाले लगभग 2 माह होने वाले हैं। बेशक अभी तक प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है, लेकिन प्रदेश में पार्टी की स्थिति को आप किस तरह आंकते हैं।
उ. : प्रदेश पार्टी कार्यकारिणी के गठन की घोषणा शीघ्र ही होने वाली है। संगठन में पार्टी को समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश प्रधान बनने के बाद विभिन्न जिलों का दौरा कर पाया कि कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह है जिसे देखते हुए प्रदेश में पार्टी का भविष्य उज्जवल प्रतीत हो रहा है।
प्र. : कार्यकर्ताओं के उत्साह का मुख्य कारण क्या मानते हैं, जबकि प्रदेश में पार्टी गुटबाजी में बंटी है।
उ. :कार्यकर्ताओं में उत्साह का कारण पार्टी नीतियों में उनका विश्वास है। इसके अलावा केंद्र सरकार की लोक हितैषी नीतियों और प्रभावी निर्णयों ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है। रही बात गुटबाजी की सो एसा कुछ नहीं है। मतांतर तो परिवारों में भी होता है लेकिन भाजपा में विचारधारा प्रमुख है और इसके चलते कथित गुटबाजी निगुण हो जाती है।
प्र. : राज्य में कैप्टन सरकार के 3 साल के कार्यकाल को आप किस तरह देखते हैं?
उ. : पंजाब में सरकार है कहां? सरकारें दिखती हैं, सरकारें महसूस होती हैं। सरकारें लोक हित के कार्यों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाती हैं, लेकिन कैप्टन अमरेंद्र सिंह की यह सरकार न दिखी और न ही महसूस हुई, क्योंकि जो वायदे कर जनता को सपने दिखा सरकार सत्ता में आई थी वह पूरे तो क्या होने उनके बारे में सोचा तक नहीं गया। उल्टा माफिया राज का बोलबाला है। हां, जनता को सरकार उस समय जरूर महसूस हुई थी जब बिजली दरों में बढ़ौतरी कर गरीब जनता का जीना हराम कर दिया था। जनता सरकार के कुप्रशासन से तंग आ चुकी है और वर्ष 2022 का इंतजार कर रही है ताकि विफल सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके।
प्र. : लेकिन माफिया राज के आरोप तो अकाली-भाजपा सरकार के दौरान भी लगते रहे थे।
उ. : आरोप लगाने से कुछ नहीं होता। अगर रत्ती भर भी सच्चाई होती तो क्या कैप्टन सरकार 3 साल तक चुप बैठी रहती। सरकार क्या नहीं कर सकती। अगर कोई अनियमितताएं हुई हैं तो सरकार को कार्रवाई से किसने रोका है।
प्र. : श्री गुरुग्रंथ की बेअदबी मामले में अकाली-भाजपा सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप अभी तक लग रहा है, आपको क्या कहना है।
उ. : बेअदबी का मामला सिर्फ अकाली दल के विरुद्ध दुष्प्रचार का आधार बनाया गया। मैं नहीं समझता कोई सच्चा सिख इस मामले में संलिप्त हुआ होगा, लेकिन यह सही है कि कुछ स्वार्थी लोगों ने अपने राजनीतिक हितों के लिए इस मामले को एक दल के साथ जोडऩे का प्रयास किया। मैं मानता हूं कि सिख ही नहीं पंजाब की मिट्टी में पैदा हुआ कोई भी व्यक्ति श्री गुरु गं्रथ साहिब की बेअदबी नहीं कर सकता। बाकी मामला अकाली दल से जुड़ा है वही इसका बेहतर जवाब दे सकते हैं।
प्र. : प्रदेश भाजपा के कई प्रमुख नेता आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लडऩे की वकालत कर रहे हैं। आपका क्या कहना है।
उ. : प्रदेश में अकाली-भाजपा गठबंधन अटूट है। यह न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सामाजिक भाईचारे का प्रतीक है। मेरा काम प्रदेश भाजपा संगठन को मजबूत करना है। गठबंधन के संबध में कोई भी फैसला हाईकमान के अधिकार क्षेत्र में है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि गठबंधन पर किसी को कोई संशय होना चाहिए।