मेयर और पार्षदों के बगैर गुजर गए 6 महीने, अभी चुनाव होने के चांस नहीं
punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2023 - 11:38 AM (IST)

जालंधर : नगर निगम जालंधर के पार्षद हाऊस की अवधि 24 जनवरी 2023 को खत्म हो गई थी जिसके बाद शहर में न कोई मेयर रहा और न ही कोई पार्षद। मेयर और पार्षदों के बगैर शहर करीब 6 महीने झेल चुका है परंतु आज जिस प्रकार के राजनीतिक हालात बने हुए हैं, माना यही जा रहा है कि अभी अगले 6 महीने भी जालंधर शहर मेयर और पार्षदों के बगैर ही रहेगा यानी कि अभी नगर निगम चुनाव जल्द होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही।
गौरतलब है कि जालंधर निगम के यह चुनाव नई वार्डबंदी के हिसाब से होने हैं परंतु जालंधर निगम के अधिकारियों ने नई वार्डबंदी को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं। जब वार्डबंदी के लिए पापुलेशन सर्वे का काम चल रहा था , तब सर्वे टीमों को वेतन अदा नहीं किया गया जिस कारण उन्होंने पुराना डाटा ही उठाकर अधिकारियों को दे दिया। जालंधर निगम की नई वार्डबंदी को भी बहुत ही अजीब तरीके से तैयार किया गया। यही कारण रहा कि नई वार्डबंदी से न आम आदमी पार्टी के नेता खुश हुए और ना ही विपक्ष में बैठी कांग्रेस भाजपा और अकाली दल को यह वार्डबंदी पसंद आई। प्रस्तावित वार्डबंदी पर ऐतराज प्राप्त करने की प्रक्रिया भी अजीब ढंग से सिरे चढ़ी और वार्डबंदी पर प्राप्त 100 से ज्यादा एतराज आज तक चंडीगढ़ भेजे ही नहीं गए।
इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने वार्डबंदी को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देकर सत्तापक्ष के लिए नई समस्या खड़ी कर दी है परंतु निगम चुनावों से जुड़े अधिकारियों पर इसका भी कोई असर नहीं दिख रहा। वार्डबंदी को जल्द तैयार करके इसे नोटिफाई करने की ओर भी किसी का ध्यान नहीं है और न ही राजनीतिक नेतृत्व इस मामले में निगम अधिकारियों को कोई निर्देश दे पा रहा है। ऐसी स्थिति में लग रहा है कि अगले 6 महीने के भीतर भी निगम चुनाव संपन्न होने की संभावना नहीं है।
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