करतारपुर कॉरीडोर से जाने वाले कर्मचारियों व अफसरों की ‘एक्स इंडिया लीव’ पर उलझी सरकार

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 10:30 AM (IST)

चंडीगढ़(रमनजीत सिंह): श्री करतारपुर साहिब स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शनों हेतु करतारपुर कॉरीडोर के जरिए पंजाब सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की यात्रा को लेकर पेंच फंस गया है। हालांकि इस पेंच को दूर करने की मंशा से पंजाब सरकार के परसोनल विभाग ने 8 नवम्बर को नोटीफिकेशन भी जारी किया था, लेकिन उसमें भी स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण मामला उलझ गया है और अब इसका स्पष्टीकरण जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। 

हुआ यूं कि 9 नवम्बर को भारत की तरफ से पाकिस्तान स्थित उक्त गुरुद्वारा साहिब के लिए रवाना हुए पहले जत्थे में पंजाब सरकार के कई अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे। सर्विस रूल्स के नियमों में लिखा है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी भारत से बाहर यात्रा करता है तो उसे अपने संबंधित विभाग से ‘एक्स इंडिया लीव’ लेनी होती है। यह एक प्रकार की कर्मचारी की तरफ से आधिकारिक सूचना एवं विभाग की तरफ से दी जाने वाली अनुमति होती है। इसके मद्देनजर कई अधिकारियों व मुलाजिमों ने हालांकि एक्स इंडिया लीव के लिए अप्लाई भी कर रखा था, लेकिन प्रक्रिया की जटिलता व अनुमति प्रदान करने वाले ज्यादातर अधिकारियों की व्यस्तता के कारण सभी को एक्स इंडिया लीव सैंक्शन हो सकना मुश्किल लग रहा था। ऐसे में ‘बाबुओं’ ने ‘छूट’ का हल निकाला और उच्चाधिकारियोंं को बता दिया गया। जिसके बाद पंजाब सरकार के परसोनल विभाग ने 8 नवम्बर 2019 को एक नोटीफिकेशन जारी करके कहा कि ‘श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपुरब के मौके पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जाने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को एक्स इंडिया लीव लेने की जरूरत नहीं है।’ 

तारीख का जिक्र करना जरूरी नहीं समझा 
मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के साथ पहले जत्थे में गए उच्चाधिकारियों और कर्मचारियों की राह आसान बनाने के लिए जारी किए गए इस नोटीफिकेशन के लिए जल्दबाजी में गलती यह हो गई कि इसमें तारीख का जिक्र करना जरूरी नहीं समझा गया। पेंच फंसा हुआ है कि श्री गुरु नानक देव जी का गुरपर्व 12 नवम्बर को था और पंजाब सरकार के अधिकारी व कर्मचारी 9 नवम्बर को ही पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के लिए चले गए थे। तकनीकी तौर पर हुई इस गलती के बारे में सचिवालय के ही कुछ ‘मंझे हुए बाबुओं’ ने अधिकारियों को बताया और इसके दूरगामी प्रभावों की भी जानकारी दी, जिसमे सर्विस रूल्स के मुताबिक निलम्बन और अन्य कठोर सजा का भी प्रावधान मौजूद है। जिसके बाद आनन-फानन में उच्चाधिकारियों ने परसोनल विभाग को उक्त ‘छूट’ वाले नोटीफिकेशन में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। पता चला है कि परसोनल विभाग ने ‘संशोधन’ करने संबंधी फाइल बनाकर आगे बढ़ा दी है, जिसे विभिन्न पायदानों से गुजरने के बाद मुख्यमंत्री से अप्रूवल हासिल होगी। 

कॉरीडोर के लिए मिले एक्स इंडिया लीव से स्थाई छूट 
पंजाब सचिवालय मुलाजिम जत्थेबंदी के प्रधान सुखचैन सिंह खैहरा ने कहा कि उनकी जत्थेबंदी सरकार से मांग करेगी कि करतारपुर कॉरीडोर के जरिए दर्शन करने के लिए जाने वाले पंजाब सरकार के अधिकारियों और मुलाजिमों को स्थाई तौर पर ‘एक्स इंडिया लीव’ से स्थाई तौर पर छूट दी जाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस यात्रा में जाने वाला हर व्यक्ति करीब 12 घंटे ही भारतीय सीमा से बाहर रहता है और यहां से जाने के लिए वीजा की भी जरूरत नहीं है। 


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