जानिए आखिर क्यों पड़ी  NOTA की जरूरत

punjabkesari.in Saturday, May 18, 2019 - 01:50 PM (IST)

जालंधर:पंजाब में अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव 7 पड़ाव में 19 मई को करवाए जा रहे हैं। पंजाब केसरी आज पाठकों के साथ चुनाव कमीशन द्वारा वोटरों को दिए गए विशेष अधिकार नोटा बारे जानकारी देने जा रहा है। 

क्या है नोटा 

नोटा का पहली बार प्रयोग 2014 के लोकसभा मतदान में किया गया था। इसके लिए कई संस्थाओं को लम्बी जद्दोजहाद करनी पड़ी है। सितम्बर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों पर  नोटा बटन लगाने का फैसला किया गया था। कई बार भ्रष्ट या नकारा उम्मीदवार  होने के चलते वोटर मतदान करने से ही गुरेज करते थे। इसी कारण नोटा की तरफ विशेष ध्यान दिया गया। भारत के इलावा ग्रीस, युक्रेन, स्पेन, कोलम्बिया, बंगलादेश, चिल्ली, बेल्जियम, युनान और रूस समेत कई देशों में वोटों का विकल्प लागू है। 

2014 में पहली बार हुआ नोटा का प्रयोग 

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों और नोटा का विकल्प 2014 के लोकसभा मतदान में पहली बार प्रयोग किया गया था। तब सबसे अधिक नोटा का प्रयोग उतर प्रदेश में किया गया।  जहां 592331 वोटरों ने नोटा का प्रयोग किया। इसी तरह तामिलनाडु में 581782, बिहार में 580964 और वेस्ट बंगाल में 571294 वोटरों ने नोटा का प्रयोग किया। 2014 की लोकसभा मतदान में पंजाब में 58754 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया था।                                            


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swetha

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