सैंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में आज होगा के.पी.-संतोख चौधरी के भाग्य का फैसला

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2019 - 09:39 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): जालंधर लोकसभा हलका सीट के रिव्यू का आज पटाक्षेप हो सकता है और सैंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी की कल शाम दिल्ली में होने वाली बैठक में पूर्व सांसद मोहिन्द्र सिंह के.पी. और कांग्रेस उम्मीदवार व मौजूदा सांसद संतोख चौधरी के भाग्य का फैसला होगा। एक तरफ जहां सांसद चौधरी ने अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं वहीं पूर्व सांसद मोहिन्द्र सिंह के.पी. ने दिल्ली में डेरा डाल रखा। के.पी. ने कल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रधान राहुल गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के साथ दिल्ली में मुलाकात करनी थी परंतु राहुल ने आज अमेठी सीट से नामांकन दाखिल करना था जिस कारण उनके व्यस्त दौरे के कारण वह दिल्ली नहीं पहुंच पाए।
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वहीं दूसरी तरफ डा. मनमोहन सिंह के अस्वस्थ होने के कारण उनकी सभी मीटिंगों को रद्द कर दिया गया। चूंकि 11 अप्रैल शाम को सैंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दिल्ली में हो रही है, जिसमें पंजाब की बाकी 4 सीटों समेत अन्य प्रदेशों से संबंधित हलके के उम्मीदवारों के चयन पर विचार-विमर्श होना है और संभावित है कि जालंधर सीट का रिव्यू भी इसी बैठक में हो जाएगा।जिक्रयोग्य है कि सांसद चौधरी को टिकट मिलने के बाद मोहिन्द्र के.पी. ने पार्टी के इस फैसले का कड़ा विरोध जताया था। अगर पार्टी ने के.पी. व उनके समर्थकों का विरोध नजरअंदाज किया तो कांग्रेस हाईकमान को ज्ञात है कि इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है, क्योंकि  दशकों से पार्टी की कर्मठता से सेवा कर रहे बेदाग परिवार से संबंधित के.पी. को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने का संगठन में गलत संदेश जाएगा। 

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बगावती सुरों सेे हाईकमान सतर्क
आब्जर्वर गिरीश गर्ग के अलावा शहरी व देहाती हलकों में पुन: अलग-अलग प्राइवेट सर्वे करवाकर पार्टी ने फीडबैक लिया है। टिकट आबंटन के बाद जालंधर सीट पर उठे बगावती सुरों ने पार्टी हाईकमान को सतर्क कर दिया है। इसी कारण इस सीट को रिव्यू में डाला गया। कांग्रेस रिव्यू पर होने वाले अंतिम फैसले के बाद किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती जिस कारण उन्होंने सीट के पर्यवेक्षक गिरीश गर्ग को जालंधर भेजा। गर्ग ने & दिन यहां रह कर सारी स्थिति का जायजा लिया और इस संबंधी फीडबैक हाईकमान को भेज दी है। 


बगावत का साथ लगते हलकों में भी हो सकता है असर
जालंधर के साथ होशियारपुर व अन्य हलकों में भी पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों का जिस कदर विरोध हो रहा है उससे हाईकमान खासा चिंतित बताया जा रहा है। के.पी. के बगावती रुख को भी पार्टी पूरा तोल-मोल रही है क्योंकि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान होने के नाते के.पी. की जालंधर के आसपास  के जिलों में भी खासी पैठ है। अगर के.पी. आजाद खड़े हो जाते हैं तो जालंधर ही नहीं बल्कि आसपास के लोकसभा हलकों में भी उनकी बगावत का दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा के.पी. की देखा-देखी अन्य नेता भी पार्टी से बगावत करते चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इस कारण हाईकमान ने हरेक पहलू को विचाराधीन रखा हुआ है। 

राजनीतिक संकट की घड़ी में के.पी. परिवार को लगा बड़ा सदमा
राजनीतिक संकट की घड़ी से गुजर रहे मोहिन्द्र सिंह के.पी. परिवार को बड़ा सदमा लगा है। के.पी. की बड़ी बहन मोहिन्द्र कौर के दामाद का इंगलैंड़ में दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया है जिस कारण के.पी. की टिकट कटने के उपरांत जालंधर पहुंची मोहिन्द्र कौर को तुरंत वापस इंगलैंड जाना पड़ा है। के.पी. ने बताया कि उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दामाद का निधन होने के कारण इंगलैंड से जालंधर आ रहे उनके भाई को भी अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी है। के.पी. ने बताया कि दामाद का अंतिम संस्कार कब होगा अभी तय नहीं हुआ है। 


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