लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस को नवजोत सिद्धू की ''गुगली'', प्रचार छोड़...

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2024 - 04:46 PM (IST)

पंजाब डेस्क : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस पर नई 'गुगली' फेंकी है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सिद्धू ने आईपीएल में कमेंट्री करने का ऐलान किया है। सिद्धू ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर इस बात का ऐलान किया है। देश में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और पंजाब में चुनाव प्रक्रिया 7 मई से शुरू होगी और 1 जून को मतदान होगा। वहीं 22 मार्च से आईपीएल-2024 शुरू हो रहा है जोकि 29 मई तक चलेगा। इस बीच 74 मैच खेले जाएंगे, जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू कमेंट्री में व्यस्त रहेंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि वह न तो चुनाव लड़ेंगे, जो वह पहले भी खुलकर कह चुके है और न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे।

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स्टार प्रचारकों की सूची से होंगे गायब !

नवजोत सिंह सिद्धू अपने भाषण के अंदाज शैली को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। यही वजह है कि राजनीतिक दलों को चुनाव में उन्हें अपने स्टार-प्रचारकों की सूची में जरूर शामिल करना चाहिए। 2013 तक सिद्धू बीजेपी के स्टार प्रचारक थे। इसके बाद जब वे कांग्रेस में आए तो यहां भी उन्हें स्टार प्रचारक नियुक्त किया गया, लेकिन इस बार अगर वह आईपीएल में व्यस्त रहे तो वह कांग्रेस के चुनाव प्रचार से गायब रह सकते हैं या यूं कहें कि वह उतनी सक्रियता से प्रचार करते नजर नहीं आएंगे।

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कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ाने की कर रही थी तैयारी 

कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला से लोकसभा चुनाव लड़ें। भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर को मैदान में उतारने की चर्चा है, जो हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई हैं। कांग्रेस पार्टी सिद्धू को परनीत कौर के खिलाफ मैदान में उतारना चाहती थी। हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू ने पहले ही कमेंट्री में साफ कर दिया था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

2 दशक पहले राजनीति में रखा था कदम 

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना राजनीतिक सफर करीब 2 दशक पहले शुरू किया था। क्रिकेट के जाने-माने कमेंटेटर राजनीति में भी अच्छे वक्ता थे और अपने भाषणों और बयानों के कारण सुर्खियों में रहते थे। कमेंट्री के साथ-साथ वह टीवी शोज में भी काम करते रहे हैं। हालांकि, जब वह कैप्टन सरकार में मंत्री बने तो उन्होंने खुद को इन सबसे दूर कर लिया। इससे पहले वह 1983 से 1998 तक करीब 15 साल तक क्रिकेट खेल रहे थे।

 

राजनीतिक सफर  

नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने 2004 में बीजेपी में शामिल होकर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और वह 2 बार अमृतसर से सांसद भी रहे। इसके अलावा वह राज्यसभा के सदस्य भी चुने गए। 2014 में बीजेपी ने अरुण जेटली को अमृतसर से अपना उम्मीदवार घोषित किया था, जिससे नवजोत सिद्धू नाराज हो गए और 2016 में कांग्रेस में शामिल हो गए। कैप्टन सरकार में मंत्री भी चुने गए। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन से उनके काफी मतभेद रहे लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उनके समर्थन में रहे। 2022 में उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया और 2022 में भी उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया।

इन चुनावों में नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर ईस्ट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए। 16 मई से 1 अप्रैल, 2023 तक, वह एक पुराने मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में भी रहे। इसी दौरान कांग्रेस ने सिद्धू की जगह राजा वड़िंग को पंजाब अध्यक्ष बनाया। जेल से बाहर आने के बाद सिद्धू ने पार्टी के दूसरे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बजाय अपने स्तर पर ही रैलियां करते रहे, जिसका पार्टी नेतृत्व ने कड़ा विरोध किया।

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News Editor

Kamini

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