पचड़े में फंसा लुधियाना का DMC अस्पताल, अब किया यह बड़ा कारनामा

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2025 - 06:45 PM (IST)

लुधियाना  :  लुधियाना के डी.एम.सी. अस्पताल का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग क्लीयरैंस को लेकर पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा शिकंजा कसे जाने के बाद डी.एम.सी. मैनेजमैंट का बड़ा कारनामा सामने आया है। बताया जा रहा है कि बोर्ड की तरफ से लुधियाना में हियरिंग थी, जिसमें डीएसमी मैनेजमेंट खानापूर्ति करते ही दिखाई दी है और बेहद कम दस्तावेजों के साथ अधिकारी बोर्ड आफिस पहुंचे। इस दौरान  अस्पताल के अधिकारियों ने 20-25 का दिन का और समय मांगा है और उक्त मामले को मैनेज करने में जुटे रहे। 

आपको बता दें कि किसी भी मैडीकल यूनिवर्सिटी या इंस्टीच्यूट को इंवायरमैंट क्लीयरैंस लेनी जरूरी होती है लेकिन डी.एम.सी. मैनेजमैंट की तरफ से लगातार नियमों की उल्लंघना होती रही है, जिसके संबंध में पी.पी.सी.बी. की तरफ से एक नोटिस भी जारी गया था। लेकिन डीएमसी प्रबंधन की ओर से फिर ये राग अलापे गए हैं कि एजुकेशनल इंस्टीटयूट हैं, इसलिए उन्हें कंसेंट की जरुरत नहीं है। आपको साफ कर दें कि मेडिकल यूनिवर्सिटी व इंस्टीटयूट को इंवायरनमेंट क्लीयरेंस लेना अनिवार्य है और इस संबंधी समय समय पर पर गाईडलाइंस भी जारी होती रही हैं, लेकिन बोर्ड अफसरों की सेटिंग के चलते नियमों की उंल्लघना होती रही है। लेकिन अब ये पूरा मामला बोर्ड के आला अफसरों तक पहुंचने के बाद लुधियाना स्तर के अफसर हरकत में आते दिख रहे हैं।  

दरअसल इस मेडिकल कॉलेज की ओर से नई बिल्डिंग निर्माण में एनवायरमेंट क्लीयरेंस ना लिए जाना भी सवालों के घेरे में है। बोर्ड का कहना है कि 20000 स्क्वायर मीटर से ऊपर की कंस्ट्रक्शन पर नियमों के तहत एनवायरमेंट क्लियरेंस लेनी जरूरी होती है, लेकिन इस निर्माण में सब कुछ दरकिनार कर दिया गया। बोर्ड का कहना है कि अगर दयानंद मेडिकल कॉलेज पीपीसीबी की इंस्पेक्शन में एनवायरमेंट क्लीयरेंस के घेरे में आया तो इनके लिए बोर्ड से कंसेंट तक लेना तक मुश्किल हो जाएगा क्योंकि बोर्ड से कंसेंट लेने के लिए एनवायरमेंट क्लीयरेंस का स्टेप क्लियर करना बहुत जरूरी है। 


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Content Editor

Subhash Kapoor

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