Ludhiana : Petrol Pumps पर जानलेवा हादसों को न्यौता दे रहे युवा, प्रशासन कुंभकर्णी नींद में
punjabkesari.in Sunday, Nov 10, 2024 - 07:43 PM (IST)
लुधियाना (खुराना) : सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल हो रही एक वीडियो क्लिप ने पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं जिसमें कुछ युवा पेट्रोल पंपों पर रील बनाने के चक्कर में हाथों में पेट्रोल भरकर जानलेवा स्टंट कर रहे हैं। सीधे लफ्जों में कहा जाए तो प्रशासनिक अधिकारियों व पेट्रोलियम डीलरों की कुंभकर्णी नींद राज्य के लॉ एंड ऑर्डर के लिए लगातार विस्फोटक रूप धारण करती जा रही है।
व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम फेसबुक सहित सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफर्मों पर जंगल की आग की तरह फैल रही वीडियो क्लिप आम जनता के पैरों के तले से जमीन खिसका देने वाली है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुछ वाहन सवार व अन्य नौजवान लड़के और लड़कियां फेम पाने के चक्कर में पेट्रोल पंपों पर रील बनाने के लिए पेट्रोल की नोजल ( वाहनों में तेल भरने वाली पाइप लाइन ) का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हुए पंजाबी गाने "जेहड़े मचदे ने उन्हां उते सोहनिए मैं छिटटा पेट्रोल दा देया" का म्यूजिक बजाकर हथेलियां में भरे हुए पेट्रोल को शराब के पैग की तरह पेट्रोल की बूंदों का छिड़काव कर रहे हैं। ऐसे में एक छोटी सी गलती मौत का बड़ा तांडव मचा सकती है जिसमें जहां मौके पर मौजूद कई बेगुनाह लोगों की जिंदगियां मौत की आगोश में समा सकती है।
उक्त गंभीर मामले पर आखिर समय रहते ही कोई उचित कदम क्यों नहीं उठाए गए या फिर पेट्रोल पंप पर होने वाले किसी भी तरह के खौफनाक हादसे की जिम्मेदारी संबंधित विभागों के अधिकारियों, तेल कंपनियों, पेट्रोलियम डीलरों द्वारा लेते हुए खुद को कसूरवार ठहराते हुए आरोपियों के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। यह एक बड़ा सवाल है ! यहां इस बात का जिक्र करना भी अनिवार्य होगा कि महानगरी में अधिकतर पेट्रोल पंप डीलर नियमों को छिक्के पर टांग कर पाबंदीशुदा प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल की बिक्री कर रहे हैं उक्त डीलरो की लापरवाई का फायदा उठाते हुए कुछ आतंकी ग्रुपों से जुड़े दहशतगर्दो द्वारा गत दिनों शिवसेना के नेताओं योगेश बक्शी और हरकीरत सिंह खुराना के घरों में पेट्रोल बम हमले किए गए हैं। शहर में इस तरह की खौफनाक वारदातें होने के बावजूद अधिकतर पेट्रोलियम कारोबारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं जो कि सीधे तौर पर महानगरी की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।