बठिंडा थर्मल प्लांट की जगह पर लगने वाले प्रोजैक्ट पंजाब के विकास को देंगे गति: मनप्रीत बादल

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 09:02 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि घाटे का सौदा और प्रदूषण का जरिया बने बठिंडा थर्मल प्लांट को बंद किए जाने के बाद इसके स्थान पर विकसित होने वाला नया प्रोजैक्ट पंजाब के विकास को नई दिशा प्रदान करेगा। इस संयंत्र की जगह पर पंजाब के सबसे बड़े औद्योगिक पाकर् के निर्माण के लिए रास्ता साफ होगा। बादल ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि बठिंडा थर्मल प्लांट पर्यावरण , आर्थिक और प्रशासनिक कारणों के चलते तीन साल पहले बंद हो गया था लेकिन हाल ही में मंजूर हुई योजना से दक्षिणी पंजाब की आर्थिकता बुलन्दियों को छूएगी। 

वित्त मंत्री ने चीन से कारोबार समेटने वाली कंपनियों को बठिंडा के नए औद्योगिक परिसर में निवेश का न्योता देते हुए कहा कि बठिंडा नए औद्योगिक केन्द्र के तौर पर उभरेगा। बठिंडा शहर को 164 एकड़ जलस्रोत और झीलें मिलेंगी, जो पहले थर्मल प्लांट का हिस्सा थे। इस प्लांट के बंद होने के कारण खाली हुई पावर कालोन में पूरी सिविल और पुलिस लाईन के अधिकारियों और कर्मचारियों को रिहायशी सुविधा मिलेगी। इसके अलावा बठिंडा वासियों को कोयले वाले इस बिजली प्लांट की तरफ से फैलाए जा रहे प्रदूषण से राहत मिली है। उन्होंने बताया कि बठिंडा थर्मल प्लांट 1974 में स्थापित किया गया था और यह पंजाब का सबसे पुराना प्लांट था, जो अपनी 25 साल की असली मियाद पार कर चुका था। 

केंद्रीय बिजली एजेंसी (सी.ई.ए.) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी गैर-व्यवहार्य थर्मल प्लांट, जो 25 साल की मियाद पूरी कर चुके हैं, को बंद कर दिया जाना है। बठिंडा थर्मल प्लांट में बिजली उत्पादन की लागत 7.70 रुपए प्रति यूनिट से अधिक थी जबकि पंजाब सरकार इस समय 2.30-2.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रही है। उन्होंने बताया कि यह थर्मल प्लांट सिफर् 7.23 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर पर चल रहा था, जिस कारण यह व्यवहार्य नहीं था। इसके अलावा इस थर्मल प्लांट को केवल चालू हालत में रखने का सालाना खर्च 110 करोड़ रुपए से अधिक था।


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Mohit

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