सवा साल में एक भी चौक को सुंदर नहीं बना सके सांसद, विधायक और मेयर

punjabkesari.in Sunday, Jun 28, 2020 - 01:35 PM (IST)

जालंधर (खुराना): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्मार्ट सिटी मिशन में जालंधर का नाम आए कई साल बीत चुके हैं परंतु अभी तक एक भी प्रोजैक्ट ऐसा नहीं जो पूरा हुआ हो। ऐसे में अब जालंधर शहर के लोगों ने स्मार्ट सिटी के सपने देखने तक बंद कर दिए हैं।

जालंधर की बात करें तो स्मार्ट सिटी के तहत शहर के 11 चौराहों के सौंदर्यीकरण के प्रोजैक्ट पर 20 करोड़ खर्च करने का एक प्लान बनाया गया था जिसे लेकर शहर के चारों विधायक, सांसद और मेयर काफी उत्साहित थे, क्योंकि यह सभी चौराहे चारों विधानसभा क्षेत्रों तहत आते थे इसलिए चुनावी फायदा उठाने के लिए लोकसभा चुनावों से पहले 8 मार्च 2019 को तत्कालीन सांसद चौधरी संतोख सिंह, शहर के चारों विधायकों और मेयर इत्यादि ने मिलकर इस प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखा था और दावा किया था कि शहर के 11 चौराहे एक साल के भीतर सुंदर बन जाएंगे। हालात यह हैं कि सवा साल में सांसद, विधायक और मेयर पूरा जोर लगा

वर्कशॉप चौक की शक्ल ही बिगाड़ दी
इस प्रोजैक्ट का टैंडर लेने वाले ठेकेदार ने सबसे पहले काम वर्कशॉप चौक में शुरू किया जहां खुदाई करके उसे छोड़ दिया गया और लोग कई महीने परेशानी में रहे । अभी तक इस चौक का 10 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ और इसे खुला करने की बजाय छोटा कर दिया गया है । इसके अलावा ठेकेदार ने गुरु रविदास चौक और दोआबा चौक में भी थोड़ी बहुत तोडफ़ोड़ की परंतु एक भी काम सिरे नहीं चढ़ाया जिस कारण यह चौक पहले से ज्यादा बदसूरत दिखने लगे हैं।

सवा साल पहले 20 करोड़ के इस प्रोजैक्ट का टैंडर लेने वाले ठेकेदार ने अभी तक एक भी चौक का काम पूरा नहीं किया जिस कारण विधायकों व मेयर में काफी व्याप्त रही और कई महीने पहले इन सभी ने आपस में बैठकर ठेकेदार को नोटिस इत्यादि जारी करवाए और टाइमलाइन निर्धारित की। बावजूद इसके
प्रोजैक्ट में कोई प्रगति नहीं हुई। अब लॉकडाउन को खुले हुए भी एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है परंतु सभी चौराहों पर ठेकेदार की लेबर के एक दो आदमी ही थोड़ा बहुत काम करते दिखते हैं।

एक विधायक ने बताया कि ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने बारे कई बार फैसला हो चुका है परंतु अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया जिससे स्पष्ट है कि ठेकेदारों की लॉबी नेताओं से भी ज़्यादा सशक्त है। इन विधायकों ने कहा कि अगर इस ठेकेदार को स्मार्ट सिटी कंपनी से ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है तो उसे पी.डब्ल्यू.डी., इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट, एम.डी. बोर्ड तथा अन्य संस्थानों से भी ब्लैक लिस्ट होना पड़ेगा इसलिए ठेकेदार पर कार्रवाई अवश्य की जानी चाहिए ताकि स्मार्ट सिटी के इस प्रोजैक्ट में देरी न हो।


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Edited By

Tania pathak

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